Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 70
________________ [६४] चैत्यवंदन वराह लंछन हेम वर्ण, साठ धनु तनु निज,....२.... कंपिलपुर वर राजियो, दान संवत्सरी दीध, माघ चतुर्थी शुकला, साथ सहस व्रत लीध....३.... पोष शुदि छठ केवली, जंबू अध मुनि सार, अडसठ सहस सुसंयति, अक लख आठसें धार....४.... साठ लाख वर्षायु ने, वद सातम शुचि मास, खट सहस मुनिशुसमेत, शैल लह्यो शिववास....५.... गर्भमास अड अकवीश, दिवस षण्मुख यक्ष, विदिता देवी संघने, सहाय करे प्रत्यक्ष....६.... अनंतनाथ नु [१४] सिंहसेन सुयशातणो, नंद इक्ष्वाकु दीप, मीन रेवती राशि रूक्ष, जिनजी त्रिजग अधीप....१.... श्रावण वद सातम चव्या, राध वद तेरश जात, अंक सिंचाणो वर्ण हेम, पचास धनु जगजात....२.... अयोध्या नगरी राजीयो, वरसी वार्षिक दान, राध वदि चौदश धयु, सहसशु संयम ठाण....३.... नाण राध वद चौदशे, अश्वत्थ तरू छाय, सुसंयति बासठ सहस, छासठ मुनि सुखदाय....४.... आयु वरस लख त्रीशनु, मधु शुद पंचमी सार, सात सहस साथे समेत, शैल वर्या शिवनार....५.... गर्भमास नव आठ दिन, सुरवर यक्ष पाताल, देवी अंकुशी करे, शासन भक्ति रसाल....६.... धर्मनाथ नु [१५] सुव्रता भानुराय नंद, कुल इक्ष्वाकु दिणंद, कर्क राशि पुष्प रूक्ष, नमे सुरासुर इंद....१.... राध शुदि सातम चव्या,प्रगट्या महाशुदि त्रीज, . वज्र अंक हेम वर्ण देह, धनु पिस्तालिस धरीज....२.... रत्नपुरी विभूषणो, सहस मुनि संगाथ, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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