Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 68
________________ [६२] चैत्यवंदन सुविधिनाथ - [६] सुग्रीव रामा नंदलो, इक्ष्वाकु कुल चंद, . धन राशि नक्षत्र मूल, पाया सुविधि जिणंद ...१.... फागण वदि नवमी चव्या,सह वदि पंचमी जात, शुचि वर्णा लंछन मगर, शत धनु तनु तात....२.... काकंदी नयरी प्रभु, संयम सहस संगाथ, सह वदि छठ अंगीकरे, सहु अनाथना साथ....३.... कार्तिक शुद त्रीज केवली, मल्लिका तरू सार, दो लख सुमुनि संयति, अक लख वीश हजार....४.... बे लख पूर्वायु प्रभु, समेत शैल शिरताज, नोम भाद्र वद सहसशु, प्रभु थया सिद्धराज....५.... गर्भमास अड-छव्वीस · दिन, सुयक्ष अजित, : संघ दूरित हरती सदा, देवी सुतारा खचित....६.... शीतलनाथ - [१०] हढरथ नंदा नंदलो, इक्ष्वाकु कुल केतु, धन पूर्वाषाढा प्रभु, राशि रूक्ष भवसेतु....१.... राध वदि छठ दिन चव्या,महा वद बारश जात, श्रीवत्स लंछन हेमवर्ण, नेवु धनु तन तात....२.... भद्दिलापुरीनो राजीयो, अनल कर्म समिध, माघ वदि बारश दिने, संयम सहसशुलीध....३.... पोष वदि चोदश दिने, प्लक्ष तरू अध ज्ञान, अक लक्ष मुनि संयति, अक लक्ष खट मान....४.... प्रभु आय अक लक्ष पूर्व, वैशाख वद बीज सार, सहस मुनि सह शिव वर्या, समेत शैल दरबार....५.... गर्भमास नव दिन खट, ब्रह्मा महायक्ष, संघ सानिध्य करे सदा, अशोका देवी दक्ष....६.... . श्रेयांसनाथ नु [११] विष्णु माता-पिता तणो, नंद इक्ष्वाकु चंद, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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