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पूज्य मुनि श्री दीपरत्नसागरजी (M.Com., M.Ed, )
द्वारा सम्पादित-संयोजित प्रकाशनो १. श्री नवकार महामंत्र नवलाख जाप नी नोधपोथी
(सर्व प्रथम बखत, प्रत्येक माला के लिए अलग नोंध को
सुविधा )-१४ आवति २. श्री चारित्र पद १ कोड जाप नी नांधपोथी
(क्षायिक चारित्र प्राप्ति अर्थ )-३ आवति ३. श्री बारबत युस्तिका तथा अन्य नियमो
सर्व प्रथम इबल कलर, विशिष्ट विभागीकरण तथा
नियमो लेने की अत्यन्त सुविधायुक्त-३ आवृति ... ४. अभिनव जैन पंचांग-२०४२ (बुकलेट फोर्म) गुजराती में सूर्योदय से पूरीमडढ-कामलो का काल तथा शाम को दो
घड़ी सहित का सर्व प्रथम प्रकाशन ५. अभिनव हेम लघ प्रक्रिया भाग १ सप्तांग विवरण ६. अभिनव हेम लघ प्रक्रिया भाग २ सप्तांग विवरण ७, अभिनव हेम लघ प्रक्रिया भाग ३ सप्तांग विवरण ... ८. अभिनव हेम लघ प्रक्रिया भाग ४ सप्तांग विवरण 8. कृदन्तमाला २५ धातु का २३ प्रकार से कृदन्त) १०. शत्र जय भक्ति- आवति (गुजराती). ११. श्री ज्ञानपद पूजा ...... १२. शत्रुजय भक्ति हिन्दी में-- आवति १३. चैत्यवन्दन पर्वमाला १४. चैत्यवन्दन संग्रह (जिन तीर्थ विशेष । १५. चैत्यवन्दन चोवोमी .
. १६. अभिनव जैन पंचांग (हिन्दी में) २०४६.....
[दिवाल पर लगाने का २०४२ बुकलेट जैसा प्रकाशक :- अभिनव श्रृत प्रकाशन
प्रवीणचंद्र जेसंगलाल महेता प्रधान डाक घर ले पाले, जामनगर-36 0.00 (सौराष्ट्र
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