Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 102
________________ [६६] चैत्यवंदन - वासुपूज्य नु [१२] बारम जिनवर वासुपूज्य, बह सुजस निधान । श्री वसुपूज्य जया सुतन, माणिक समवान....१ महिष लंछन सित्तर धनुष, जसु देह प्रमाण । वरस बहतर लाख जास, आयुष्य पिछाण....२ चउथ भत्त संजम लियोओ,चंपापुरी शुभ ठाम। बासठ गणधरसुं जुगत, आपो शिवपुर स्वाम....३ सहस बहुत्तर सुद्ध साधु, साध्वी इक लख । दोय लाख पनरे सहस, श्रावक सुध पख....४ चौलख सहस छतीस, मान श्रावकणी सार।। चंडा देवी कुमार यक्ष, नित सानिधकार...५ षट्सय मुनि परिवारसुंओ, मासखमण तप जाण । प्रभु सीधा चंपापुरी, करो संघ कल्याण....६ विमलनाथ नु [१३] श्री कृतवर्म कुलावतंस, श्यामा तनु जात । सूकर लांछन कनकवान, श्री विमल विख्यात....? धनुष साठ सुप्रमाण जास, तनु उंच विराजे । आयु वच्छर साठ लाख, जस निरमल छाजे....२ छट्ठ भत्त संजम लियोओ, कंपीलपुर शुभ ठाम । गणधर सत्तावन सहित, आपो शिवपुर स्वाम....३ मुनिवर अडसठ सहस मान, अडसय इक लख । श्रमणी श्रावक अड सहस, ऊपर दोय लख....४ च्यार लाख सुश्राविका, चोवीस हजार। षण्मुख सुर विदिता सुरी, नित सानिधकार....५ छ सहस मुनि परिवारसुं,मामखमण तप जाण । प्रभु सीधा समेतगिरि, करो संघ कल्याण....६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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