Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 104
________________ [१८] चैत्यवंदन चालीस धनुष प्रमाण, उच्च जसु देह विराजै। आयु वरस लाख एक, जलधर धुनि गाजै....२ छट्ठ भत्त संजम लियोओ, हथिणापुरवरनाम । निज गणधर छतीस जुत, आपो शिवपुर स्वाम....३ बासठ सहस सुसाधु, छ सय वलि इकसठ सहस । साध्वी श्रावक दोय लाख, वलि नेऊ सहस....४ सहस त्रयाणं तीन लाख, श्रावकणी सार । निर्वाणी सुरी गरुड यक्ष, नित सानिधकार....५ नवसय मुनि परिवारसुंओ, मासखमण तप जाण । प्रभु सीधा समेत गिरि, करो संघ कल्याण....६ कुथुनाथ नु [१७] जय जय जगगुरु कथनाथ, श्री माता जाया। सूर नरेश्वर अंगजात, कांचन सम काया....१ देह धनुष पैतीस मान, लांछन जसु छाग । सहस पंचाणुं वर्ष आऊ, बल तेज अथाग....२ छट्ठ भत्त संजम लियोओ, हथिणापुरवर ठाम । निज गणधर पैंतीस जुत, आपो शिवपुर स्वाम....३ साठ सहस मुनि श्रमणि, संघ साठ हजार छ सै। इक लख गुणयासी सहस, श्रावक सुध उलसै....४ सहस इक्यासी तीन लाख, श्रावकणी सार। सुर गंधर्व बलासुरी, नित सानिधकार....५ एक सहस मुनि साथसुंओ, मासखमण तप जाण । प्रभु सीधा समेतगिरि, करो संघ कल्याण....६ अरनाथ नु [१८] देवीनंदन देवनाथ, अरनाथ प्रधान । लांछन नंद्यावर्त नाम, वपु कांचन वान....१ तात सुदर्शन धनुष तीस, जसु देह प्रमाण । सहस चौरासी वर्ष आउ, अति निरमल नाण....२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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