Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 64
________________ [५८] चैत्यवंदन हंससागरजी कृत हंससागरजी कृत चोवीशीमां प्रति चोवीशीमां लीघेल चोवीश बोल । माता, पिता, वंश, राशि, नक्षत्र, जन्म स्थल, केटला साथे दीक्षा, काया, आयु, साधु, साध्वी, गर्भ स्थिति, केटला साथे मोक्ष, यक्ष, यक्षिणी, केवल वृक्ष, मोक्ष स्थान तेमज पांच कल्याणकनी पांच तिथि । श्री ऋषभदेव नु [१] जय मरूदेवा नाभिनंद, वंश इक्ष्वाकु भाण, धन उत्तराषाढ़ा प्रभु, राशि नक्षत्र सुठाण....१.... शुची कृष्ण चतुर्थी , चविया जन्म वखाण, चैत्र वदि अष्टमी दिने, अंक वृषभ हेम वान....२.... मधु वदि अष्टमी दिने, विनीता नयरी राय, चार सहसशु व्रत लिये, पांचशें धनुष नी काय....३.... फागण वदि अगियारशे, वड तले केवल लीध, सहस चोराशी साधुजी, श्रमणी लख त्रण कीध...४.... चोराशी लाख पूर्व आय, दश हजार मुनि साथ, अष्टापद गिरि शिव वर्या, महा वद तेरश नाथ,....५.... गर्भ मास नव चार दिन, गोमुख यक्ष सनूर, प्रभु सेवा काजे सदा, चक्केसरी हजूर....६.... अजितनाथ न [२] जित शत्रु विजयतणो, नंद इक्ष्वाकु वंश, वृषभ रोहिणी जिनतणा, शशि नक्षत्र शंश....१.... माधव शुद तेरश च्यवन, शुदि आठम जाया, सोवन वर्ण तिजग प्रभु, गज लंछन पाया....२.... साडाचारशो धनुषनी, काय अयोध्या राय, ओक सहसशुव्रत प्रभु, महा शुदी नवमी पाय....३.... पोष शुदि अगियारशे, सप्तपर्ण तरू छाय, प्रभुने केवल प्रगटता, लोकालोक जणाय....४.... Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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