Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 41
________________ चोवीसी वर्ण श्याम गुण उज्ज्वला, तिहुयण करे प्रकाश, ज्ञानविमल जिनराजना, सुर नर नायक दास...३... नमिनाथ तु [२१] ... आसो शुदि पुनमे दिने, प्राणतथी आया, श्रावण वदि आठम दिने, नमि जिनवर जाया.. १. वदि नवमी आषाढनी, थया तिहां अणगार, मृगशिर शुदि इग्यारशे वर केवल धार...२... वदि दशमी वैशाखनी, अखय अनंता सुख, नय कहे श्री जिन नामथी, नासे दोहग दुःख...३... नेमिनाथ [२२] अपराजितथी आविया, काति वदि बारश, श्रावण शुदि पंचमी जण्या, यादव अवतंस... १... श्रावण शुदि छठे संजमी, आसो अमावस नाण, शुदि आषाढनी आठमे, शिव सुख लहे रसाल...२... अरिठ नेमि अण परणिया, राजिमतीना कंत, ज्ञानविमल गुण अहना, लोकोत्तर वृत्तांत.....३..... पार्श्वनाथ नुं [२३] कृष्ण चोथ चैत्र तणी, प्राणतथी आया, पोष वदि दशमी जनम, त्रिभुवन सुख पाया...१... पोष वदि इग्यारशे, लहे मुनिवर पंथ, कमठासुर उपसर्गनो, टाल्यो चैत्र कृष्ण चोथह दिने, ज्ञानविमल गुण नूर, श्रावण शुद्धि आठमे लह्या, अक्षय सुख भरपुर...३... पलीमंथ...२... Jain Education International For Private & Personal Use Only , [३५] ... www.jainelibrary.org

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