Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan
View full book text
________________
चोवीसी
(४७]
वासुपूज्य नु [१२] वासव वंदित वासुपूज्य, चंपापुरी ठाम, वसुपूज्य कुल चंद्रमा, माता जया नाम...१... महिष लंछन जिन बारमा, सित्तेर धनुष प्रमाण, काया आयु वरस वली, बहोतेर लाख वखाण...२. संघ चतुर्विध थापीने ओ, जिन उत्तम महाराय, तस मुख पद्म वचन सुणी, परमानंदी थाय...३...
विमलनाथ नु [१३] कंपिलपुर विमल प्रभु, श्यामा मात मल्हार, कृतवर्मा नृप कुल नभे, उगमियो दिनकार... लंछन राजे वराहy, साठ धनुषनी काय, साठ लाख वरसतणुं, आयु सुखदाय...२... विमल-विमल पोते थया ओ, सेवक विमल करेह, तिणे तुज याद पद्म प्रत्ये, सेवं धरो ससनेह...३...
अनंतनाथ नु [१४] अनंत अनंत गुण आगरु, अयोध्या वासी, सिंहसेन नृप नंदनो, थयो पाप निकासी...१... सुजसा माता जनमियो, त्रीश लाख उदार, वरस आउखु पालियुं, जिनवर जयकार...२. लंछन सींचाणा तणुंओ, काया धनुष पचास, जिन पद पद्म नम्याथकी,, लहिये सहज विलास...३...
धर्मनाथ नु [१५] भानुनंदन धर्मनाथ, सुव्रता भली मात, वज्र लंछन वज्री नमे, त्रण भुवन विख्यात...१...
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110