Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan
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चोवीसी
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अनंतनाथ नु [१४] प्राणत थकी चविया इंहा, श्रावण वदि सत्त, वैशाख वदि तेरशी, जनम्या चौदश व्रत...१... वदि वैशाख चउदशी, केवल पुण्य पाम्या, चैत्री शुदि पंचमी दिने, शिव वनिता काम्या...२... अनंत जिनेसर चौदमा, कीधा दुश्मन अंत, ज्ञानविमल कहे नामथी, तेज प्रताप अनंत...३...
धर्मनाथ नु [१५] वैशाख शुदि सातमे, चविया श्री धर्म, विजय थकी महा मासनी, शुदि त्रीजे जनम...१... तेरश माही उजली, लिओ संजम भार, पोषी पुनमे केवली, गुणना भंडार...२... जेठी पांचम उजली, शिवपद पाम्या जेह, नय कहे जिन प्रणमतां, वाधे धर्म सनेह...३...
शांतिनाथ नु [१६] भादरवा वदि सातम दिने, सव्वट्ठथी चविया, वदि तेरश जेठे जण्या, दुःख दोहग समिया...१... जेठ चौदश वदि दिने, लिओ संजम प्रेम, केवल उज्ज्वल पोषनी, नवमी दिने खेम...२... पंचम चक्री परवड़ाओ, सोलमा श्री जिनराज, जेठ वदि तेरशे शिव लह्या, नय कहे सारो काज...३...
कुंथुनाथ नु [१७] श्रावण वदि नवमी दिने, सव्वट्ट थी चविया, वदि चौदश वैशाखनी, जिन कुंथु जणिया...१...
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