Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan
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[४२]
चैत्यवंदन
समवसरणे बेसी करी, तीर्थ प्रवर्तन हार, वीर अचल सुखने वर्या, पंचसया परिवार...३...
मुनिसुव्रत स्वामी नु [२०] सुव्रत अपराजितथी, राजगृही रहे ठाण, वानर योनि राजती, सुंदर गण गिर्वाण...१. श्रवण नक्षत्रे जनमिया, सुर वर जय जयकार, मकर राशि छद्मस्थमां, मौन मास अगियार...२.. चंपक हेठे चांपिया अ, जे घनघाती चार, वीर वडो जगमां प्रभु, शिवपद ओक हजार...३...
नमिनाथ नु [२१] दशमा प्राणत स्वर्गथी, आव्या श्री नमिनाथ, मिथिला नयरी राजियो, शिवपुर केरो साथ...१ योनि अश्व अलंकरी, अश्वनी उदयो भाण, मेष राशि सुर गण नमुं, धन्य ते दिन सुविहाण...२... नव मासांतर केवली, बकुल तणे निरधार, वीर अनुपम सुख वर्या, मुनि परितंत हजार...३...
नेमिनाथ नु [२२] नेमिनाथ बावीशमा, अपराजित थी आय, शौरिपुरीमा अवतर्या, कन्या राशि सुहाय...१... योनि वाद्य विवेकीने, राक्षस गण अद्भुत, रिख चित्रा चोपन दिने, मौनवता मनपूत...२... वेतस हेठे केवलोओ, पंचसयां छत्रीश, वाचंयमशुं शिव लह्या, वीर नमे निश दिश...३...
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