Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 30
________________ [२४] जास जनेता मंगला, सुख अनंता पूरवे माणु...२... कोंच लंछन रळियामणो, कनक सरिखी देह, मुगति रमणी वर मंडणो, अमोओ वुठया मेह...३... पद्मप्रभु नुं [६] पद्म जिनवर पद्म जिनवर, राय वर तात...१... कोसंबी नयरी भली, वाव कूप प्रासाद मंदिर, रक्त वरणे सोहतो, त्रीस सहस त्रिलाख मुनिवर...२... जननी सुशीमा जनमिओ, लंछन कमल सुचंग, तप संयम जिणे आदर्या, जित्यो सबल अनंग...३... सुपार्श्वनाथ [७] जेह भुवितल जेह भुवितल, हुवो जयवंत...१... भूप प्रतिष्ठ पुहवि माता, उयरे अवतार लीधो, वाणारसी नयरी हुओ, मोहराय दूर कीधो...२... लंछन सोहे साथिओ, सेवक पूरे आश, नरक तणां दुःख छोडवे, जिन सातमो सुपास...३... चंद्रप्रभु नुं [८] चैत्यवंदन नमो सुरपति नमो सुरपति, अमर नरराय...१... चंद्रप्रभ जिन आठमा, शुचि वर्ण महसेन नंदन, लखमणा सुत पूजिओ, कुसुम घनसार चंदन...२... चंद्रप्रभा नयरी सुणो, नरपति प्रणमे पाय, त्रिजगगुरु नित्ये नमो, लंछन दोपे निशि राय...३... सुविधिनाथ तु [8] सुविधि नवनिधि सुविधि नवनिधि रयण भंडार...१... For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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