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चैत्यवंदन
नेमिनाथ नु [२२] राजुल वर श्री नेमिनाथ, शामळीओ सारो, शंख लंछन दश धनुष देह, मन मोहनगारो...१... समुद्रविजय राय कुलतीलो,शिवादेवीसुत प्यारो, सहस वरसनुं आउखुं, पाळी सुखकारो...२... गिरनारे मुक्ति गया अ, शौरीपुरी अवतार, रूपविजय कहे वालहो, जगजीवन आधार...३...
पार्श्वनाथ नु [२३] जय जय जय श्री पार्श्वनाथ, सुख सम्पत्तिकारी, अश्वसेन वामा तणो, नंदन मनोहारी. नील वर्ण नव हस्त देह, अहि लंछनधारी, अकसो वर्ष आउखे, वरी लक्ष्मी सारी...२... जन्म जास वाणारसीओ, प्रत्यक्ष धरती देव, सानिध्यकारी साहिबो, रूप कहे नित्यमेव...३...
महावीर स्वामी नु[२४] वर्धमान चोवीसमा, क्षत्रिय कुल जाणो, सिद्धारथ त्रिशला तणो, नंदन सपराणो...१.. सुवर्ण वर्ण सात हाथ, सिंह लंछन सोहे, वर्ष बहोतेर आयु जास, भविजन मन मोहे...२... अपापा शिवसुख लह्याओ, वीर जिनेश्वर राय, विनयविजय उवज्झायनो, रूपविजय गुण गाय...३...
नंदसूरि कृत चोवीशी
श्री ऋषभदेव नु [१] पढम जिनवर पढम जिनवर, पाय पणमेव...१
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