Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 29
________________ चोवीसी [२३] शेजा गिरिवर मंडणो, नाभिराय कुल चंद सामी, शत शाखा जे परवर्यो, करे सेव नित दिवस गामी...२ जुगला धरम निवारिओ, मुगति रमणी उर हार, वृषभ लंछन दुःखभंजणो, मरूदेवी तणो मल्हार...३ अजितनाथ - [२] अजित सामिअ अजित सामीअ नमुं नित देव...१ नयरी अयोध्यानो धणी, राय जितशत्रु तणो नंदन, विजया राणी उअरे धर्यो, विषम वीरमद मोह कंदन...२ समेत शिखर मुगते गया, कंचन वरण शरीर, गज लंछन जिनवर नमो, जिम पामो भव तीर...३ संभवनाथ नु [३] । स्वामी संभव स्वामी, संभव देव जयवंत...१... सेना देवी नंदनो, धनुष च्यार शत देह जाणुं, मोह मिण रण रोलव्यो, हेमवरण तनु वखाणुं...२... लंछन तुरीअ सोहामणो, जेहनो तात जितारी, द्यो संपत्ति सेवक भणी, दुःख भवोदधि तारी.. अभिनंदन नु [४] जंबूदीवह जंबूदीवह, भरहखित्तंमि... अभिनंदन गुण आगलो, धरीअभाव घj भेटो, नयरी विनोता मंडणो, राय संवर तणो बेटो...२ सिद्धारथा देवी तणो, वानर लंछन जाण, वण्य पंचासा देह जस, नमता होय निरवाण...३ सुमतिनाथ नु [५] सुमति समरथ सुमति समरथ, देव अरिहंत...१... जेहनी नयरी कोशला, मेघराय घर जनम जाणु, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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