Book Title: Chaityavandan Chauvisi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan
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चोवीसी
मगर लंछन जस शोभतुं अ, भयभंजन भगवान, मानविजयने आपीओ, अद्भुत अविचल थान...३... शीतलनाथ नुं [१०]
शीतल सेजे शीतलो, शीतल जस वाणी, समता शीतल ते हुवे, जे निसुणे प्राणी...१... नेवुं धनुष प्रमाण प्रीत, वर्ण जस काय,
[११]
श्रीवत्स लंछन ओक लाख, पूरव जस आय... २... द्दढ़रथ नंदा नंदनोओ, भद्दिलपुर वर राय, प्रभुध्याने शीतल रहे, मानविजय उवज्झाय...३... श्रेयांसनाथ न [११]
श्री श्रेयांस जिणंद देव, सेवक सुखकारी, परम पुरुष परमेश्वरो, प्रणमो नरनारी...१... सिंहपुरी वर राय विष्णु, विष्णु अंगजात, चउराशी लख वर्ष आय, सोवन सम गात... २... षड्गी लंछन जेहने ओ, एंसी धनुषनी काय, मान कहे ते भव तरे, जे जिनवर नित ध्याय ... वासुपूज्य नु ं [१२]
३...
वासव पूजित वामुपूज्य, तनु विद्रुम वान, राणी जया वसुपूज्यराय, कुल तिलक समान...१... चंपा नयरी जनमिओ, सित्तेर धनुष देह,
वरस बहोंतेर लाख आय, कीधो भव छेह... २... यमवाहन लंछन मोसे, सेवे जेहना पाय, मानविजय प्रभु नामथी, भव-भव पातक जाय...३...
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