Book Title: Atma Bodh Sara Sangraha
Author(s): Kavindrasagar
Publisher: Kavindrasagar

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Page 7
________________ सूची-पत्र ज्ञानसार १-आत्म शिक्षा भावना गा० १८५ प्रेमविजय सं १६६२ उज्जम १ २-आत्मनिन्दा ३-श्रावक के तीन मनोरथ ४-चार शरणा ( मुझने चार शरणा०) गा० ३ समयसुन्दर ५-आलोयणा (लाख चोरासी जीवखमावीए) गा० ३, ६-आलोयण स्त० (पाप अठारे जीव परिहरो ) गा० ३, २६ ७-वैराग्यपद (धन २ ते दिन मुझ कदि होसे ) गा० ३ ,, २९ -आलोयणा स्त० (आदीश्वर पहिलो अरिहंत) गा०५४ कमलहर्षे २६ ६-भक्ति मार्ग नो कंटक (माया डाकण दूरे भागी) गा० ३ ३४ १०-भक्ति रहितो ने उपालंभ (जिन मुख से नाम न समर्यो) गा०४ खीम ३५ ११-बारह भावना (१६) १२-पद्मावती आराधना (हवेराणी पदमावती) गा० ३६ समयसुंदर ४२ १३-क्षमा छत्तीसी (आदर जीव क्षमा गुण० ) गा० ३६ समयसुंदर ४५ १४-आलोयणा छत्रीसी (पाप आलोय तुं आपणा) गायें ३६, सं०१६९८ ४६ १५-आलोयणा ग० शत्रुजय स्त० (बे कर जोड़ी वीनवुजी), गा०३२ ५२ १६-श्री बैकुंठ पंथ (बैकुंठपंथ बीहामणो ) गा० ५६ भीममुनि सं० १६६६ ५५ ९७-समाधि विचार ( परमानंद परमप्रभु ) गा० ३८२ १८-भगवान महावीर का आत्मज्ञान Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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