________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अष्टांगहृदयकी
anRIA
१९९
१९३
विषय. पृष्ठांक. | विषय.
पृष्टांक. मुखोष्णोदक गंडा
क्षालन विधि गडूषधारण प्रकार
शोधन प्रकार गंड्यधारणका प्रकार
कंडू आदि में तीक्ष्ण अंजन मन्यारोगादि की बिकित्सा
चतुर्विशोऽध्यायः । प्रतिसारण के भेद
तर्पण की योजना मुखलेप के भेद और प्रयोग
मेत्र में घृत डालना
२०० मुखलेप के प्रमालादि
राध्यंध में कर्तव्य कर्मादि मुखलेप के अयोग्यरोग
अपांग देशमें द्वाकरणादि सुयोजित मुखलेप के गुण
बातादि रोगमें प्रतिदिन तर्पण ऋतुः परता से छः लेप
तर्पणं के लक्षण मुखलेप का फल सिरमे तेल के चार प्रकार
पुटपाक का विधान
वातादि में स्नेहनादि पुटपाक अभ्यांगादि का प्रयोग
स्नेहपुटपाक की कल्पना शिरोवस्ति की विधि
लेखन पुटपाक की कल्पना पीछे का कर्तव्य कर्म
प्रसादनपुट पाक की कल्पना कर्णपूरण मात्रा का प्रमाण
पुटपाक की कल्पना
१९५ मूर्द्ध तैल के गुण
पाकान्त में कर्तव्याधि त्रयोविंशोऽध्यायः ।
अंजनादि के प्रयोग की आवश्यकता , नेत्ररोग में आश्चोतन
पंचर्विशोतितमोऽध्यायः । आश्चोतन की विधि
यंत्रों का स्पष्टविवरण अन्युष्ण आश्चोतन के रोग
यंत्रों के रूप और कर्म
स्वस्तिक यंत्र युक्ति पूर्वक प्रयुक्त औषध का फल अंजन प्रयोग
कंकमुख, सिंहास्य, ऋक्षुमुख, काकमुख
तरक्षु मुख अंजन के भेद
संदंश यंत्र
२०४ अंजन की शलाका का प्रकार
मुचुंडी यंत्र ताल यंत्र अंजन की विविध कल्पना
नाड़ी यंत्र तीक्ष्णादि चूर्ण का प्रमाण
अन्य नाड़ी यंत्र राज्यादि में अंजन का निषेध
शल्य निर्धातनी नाड़ी अन्य आचार्यों का मत
शल्यदर्शनार्थ अन्य नाडी अन्य मत में दूषण
अशीयंत्राणि इसमें दृष्टांत
भगंदर यंत्र रात्रि में तीक्षणांजन का निषेध
अशांयत्र अंजन के अयोग्यव्यक्ति
| शमी यंत्र म लगाने योग्य अंजन
नासा यंत्र अंजन के पीछे का कर्तव्य " | अंगुलिमालाडक यंत्र
.
..
१९८
२०६
For Private And Personal Use Only