Book Title: Anekant 1992 Book 45 Ank 01 to 04
Author(s): Padmachandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 16
________________ २७. देखें तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, खंड ४, पृ. ११३-११४ । २८. भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का योगदान, पृ. १६१। २६. जैनविद्या, अंक ४, अप्रैल १९८६, पृ.६। ३०. (क) डा. हीरालाल जैन : भारतीय संस्कृति मे जैन धर्म का योगदान । (ब) डा. राजाराम जैन : र. सा. आ. प. पृ. २१-२२ ३१. डा. नेमिचन्द्र शास्त्री : ती. म. मा. प. खड ४, पृ. ११८-११६ । ३२. प्रशस्ति गाथा ६ । ३३. प्रशस्ति गाथा । ३४. पढमकलत्तंगहो संताणकतत्तविडवि पारोहो। विणयगुणमणिनिहाणो तणलो तह नेमिचंदोत्ति ॥वहीर ३५.(क) देखें-ती. म. आ.प.खड ४, ५.१२५। (ख) जंबूसामिचरिउ की प्रस्तावना पृ. १६। १६. सो जयउ कई वीरो जिणंदस्स कारियं जेण । पाहाणमयं भवणं पियरुद्दे सेण मेहवणे ॥प्र. गा.१० ३७. देखें-जंबूसामिचरिउ की प्रस्तावना १९ । ३८. (क) वही पृ. १३। (ख) ती. म. आ प. खंड ४, पृ. १२६-२७ । १६. देखें-'करकंडचरि' १०/२८ । ४..वही पृष्ठ ११-१२। ४१. देखें-ती. म. ना. प. भाग ४, पृ. १६०.१६१ । ४२. 'करकंडुचरिउ' १०.२९ । ४३. जिरिंगदस्स वीरस्स तित्थे महंते। महाकुंदकुंदाण्णा पतसंते॥ ... ... ... ... ... || 'सुदंसणचरिउ', १२-६-२ ४४. बही १२-१० । ४५. 'परमात्म प्रकाश' २/२११। ४६. जैन विद्या अंक ६ (दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र महा वीर जी राजस्थान) १९८८, पृ. २। ४७. ती. म. आ. प. खंड २, पृ २४७-२४८ । ४८. (क) पासणाह चरिउ, प्रशस्ति । (ख) वड्माणचरिउ, प्रशस्ति १०/४१। ४६.डा. नेमिचन्द्र शास्त्री: ती. म. आ. प. खंड ४ पृ. १३८-३६। ५०. 'वढमाणचरिउ' की प्रस्तावना पृ. ७ । ५१. वही पृ. ६। ५२. ती. म आ. प., खड ४, पृ. १४५-१४६ । ५३. डा. राजाराम जैन : रइधु साहित्य का आलोचना त्मक परिशीलन, पृ. ४६-५ । ५४. डा. हीरालाल जैन : 'मयणपराजय वरिउ' की प्रस्तावना पृ. ६१ । --प्राकृत शोध संस्थान, वैशाली 'अनेकान्त' के स्वामित्व सम्बन्धी विवरण प्रकाशन स्थान-वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२ प्रकाशक-वीर सेवा मन्दिर के निमित श्री बाबूलाल जैन, २ अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-२ राष्ट्रीयता-भारतीय । प्रकाशन अवधि-त्रैमासिक । सम्पादक-श्री पपचन्द्र शास्त्री, वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, नई दिल्ली-२ राष्ट्रीयता-भारतीय । मुद्रक-गीता प्रिटिंग एजेंसी, न्यू सीलमपुर, दिल्ली-५३ स्वामित्व-वीर मेवा मन्दिर २१, दरियागंज, नई दिल्ली-२ मैं बाबूलाल जैन, एतद् द्वारा घोषित करता हूं कि मेरी पूर्ण जानकारी एवं विश्वास के अनुसार उपर्युक्त विवरण सत्य है। बाबूलाल जैन प्रकाशक

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