Book Title: Anagar Dharmamrut Author(s): Ashadhar Pt Khoobchand Pt Publisher: Natharang Gandhi View full book textPage 9
________________ अध्यायसूची. प्रथम अध्याय. पृष्ट १ से मंगलाचरण, ग्रंथप्रतिज्ञा, धर्मकी महिमा, स्वच्छंद प्रवृत्तिकी निंदा, रत्नत्रयका संक्षिप्त स्वरूप इस अभ्यायमें बताया है। द्वितीय अध्याय. सम्पदर्शनका वर्णन, मिथ्यात्वका स्वरूप, मिथ्यात्व व सम्पक्त्वकी सामग्री, द्रव्य व तत्वोंका स्वरूप, सम्यक्त्वकी महिमा, सम्यक्त्व के अतीचार, आठ मद, अनायतन सेवाका निषेध, आठ बंग, इतने विषयों का वर्णन है। २४१ से. सम्यखानकी आराधना, ज्ञानके पांच भेद, श्रुवज्ञानका विशद स्वरूप व मेद-लक्षण, ज्ञानके विनय, स्वाध्यायकी आवश्यकता, इस अध्यायमें ये विषय । चतुर्थ अध्याय. २७५ से. नाविकी आराधना, दयाकी महिमा व स्वरूप, हिंसाका विशेष वर्णन, जीवों के मेद, हिंसादि पाँच पापोंका स्वरूप, पांच व्रतोंका स्वरूप, ब्रतोंके अतीचार, कामका विशेष स्वरूप, प्रत्येक बकी भावना, गुप्तियों का स्वरूप, सामायिक संयमका स्वरूप, ये बातें इस अध्यायमें कहीं हैं। तृतीय अध्याय.Page Navigation
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