Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayana Sutra ka Shailivaigyanik Adhyayana
Author(s): Amitpragyashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 14
________________ अनुक्रम १-२४ प्रथम अध्याय उत्तराध्ययन सूत्र में शैलीविज्ञानः एक परिचय आगम और उत्तराध्ययन उत्तराध्ययनः रचनाकाल एवं कर्तृत्व उत्तराध्ययन का परिचय शैलीविज्ञान शैलीविज्ञानः स्वरूप शैलीः पाश्चात्य-मत शैलीः भारतीय-मत उत्तराध्ययन में शैलीविज्ञान वैशिष्ट्य निष्कर्ष द्वितीय अध्याय २५.८० उत्तराध्ययन में प्रतीक, बिम्ब, सूक्ति एवं मुहावरे प्रतीकः स्वरूप-विश्लेषण प्रतीक-वर्गीकरण उत्तराध्ययन के प्रतीक बिम्ब बाह्य-इन्द्रिय-ग्राह्य बिम्ब अन्तःकरणेन्द्रिय-ग्राह्य बिम्ब (भावबिम्ब, प्रज्ञाबिम्ब) सूक्तिः स्वरूप-विवेचन सूक्ति का प्रवर्तन क्यों? आगम और सूक्ति सूक्ति विभाजन (पर्यावरण, अर्थशास्त्र, जीवन का सत्य, व्यक्तित्व-विकास, साधना की ओर, जैन सिद्धान्त) मुहावरे Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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