________________ प्रमाणाधिकार निरूपण] [273 अवगाहना क्रम नाम जघन्य अवगाहना उत्कृष्ट अवगाहना --- - - . .---..--. अंगुल के असंख्यातवें भाग गव्यूतपृथक्त्व छह गव्यूति प्रमाण अंगुल के असंख्यातवें भाग छह गव्यूति प्रमाण अंगुल एक हजार योजन प्रमाण योजनपथक्त्व अंगुल के असंख्यातवें भाग योजनपृथक्त्व एक हजार योजन प्रमाण अंगुल का असंख्यातवां भाग एक हजार योजन प्रमाण 3. अप. संमू. , अंगुल के असंख्यातवें भाग 4. पर्या., , 5. सामान्य गर्भज 6. अप. , 7. पर्या. , (ख) उरपरिसर्प 1. सामान्य उरपरिसर्प / - के असं. भाग 2. संभू. , 3. अप. 4. पर्या. 5. सामान्य गर्भज अप. ग. 7. पर्या. ग. (ग) भुजपरिस 1. सामान्य भुजपरिसर्प अंगु. का असंख्यातवें भा. 2. सामान्य भुज. समू. // 3. संभू. , अपर्याप्त , , 4. " " पर्याप्त , 5. सामान्य भुज. गर्भज " 6. गर्भ. भूज. अप. 7. " " पर्याप्त खेचर 1. सामान्य खेचर 2. समू. खेचर 3. संमू. खेचर अप. 4. , , पर्याप्त / सामान्य गर्भज खेचर 6. गर्भज खेचर अप. 7. , पर्याप्त गव्यूतिपृथक्त्व धनुषपृथक्त्व अंगुल का असं. भाग धनुषपृथक्त्व गव्यूतिपृथक्त्व अंगुल का असंख्या. भाग गव्यूतिपृथक्त्व धनुषपृथक्त्व अंगुल का असं. भाग धनुषपृथक्त्व x w अंगुल का असं. भाग धनुषपृथक्त्व इस प्रकार तिर्यच पंचेन्द्रियों के छत्तीस अवगाहनास्थानों का जघन्य और उत्कृष्ट प्रमाण जानना चाहिए। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org