Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Author(s): Aryarakshit, Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti
________________ परिशिष्ट-३ गाथानक्रम सूत्रांक 260 اس لله 286 546 ا ل 09. 0 0ww 9 ا ل م له بهر 262 262 260 226 332 I w w w xxx.rror w n m ir r in 387 गाथांश अक्ख रसम पयसयं अग्गि 1 पयावइ 2 सोमे 3 अज्झप्पस्साऽऽणयणं अब्भस्स निम्मलतं अब्भुयतरमिह एत्तो अभिई 20 सवण 21 धणिट्टा अवणय गिण्ह य एत्तो असुइ कुणवदुईसण असुइमलभरिय निज्मर अह कुसुमसंभवे काले अंकारंत धन्न अंगुल विहत्थि रयणी अंति य इति य उ ति य प्राकारता माला आकारंतो राया प्रादिमउ प्रारभता प्राभरण-वत्थ-गधे प्रावस्सगस्स एसो आवस्सयं अवस्सकरणिज्ज इङ्गिताकारितज्ञेयः इच्छा १–मिच्छा २–तहक्कारो 3 उत्तरमंदा रयणी उद्देसे 1 निसे य२ उर-कंठ-सिरविसुद्ध उरग-गिरि-जलण-सागर एए णव कबरसा एएसि पल्लाणं एएसिं पल्लाणं एएसि पल्लाण 260 एएसि पल्लाणं 397 एएसि पल्लाण एएसि पल्लाणं कत्तिय 1 रोहिणि 2 मिगसिर 3 कम्मे 1 सिप्प 2 सिलोए 3 / किं 13 काविहं 14 कस्स 15 कहि 16 कि लोइयकरणीयो कुरु-मंदर-ग्रावासा केसी गायति महुरं कोहे माणे माया गण काय निकाय खंध गब्भम्मि पुवकोडी गंधारे गीतजुत्तिण्णा चउचलणपतिढाणा 260 चंडाला मुट्टिया मेता 260 छद्दोसे अट्ठ गुणे 260 जत्थ य जं जाणेज्जा जस्स सामाणिनो अप्पा जह तुब्भे तह अम्हे जह दीवा दीवसतं जह मम ण पियं दुक्खं जंबुद्दीवानो खलु जंबुद्दीवे लवणे जुण्णसुरा जुम्णगुलो 249 जोयणसहस्स गाउय पुहुत्त 351 जोयणसहस्स छग्गाउयाई 351 जो समो सव्वभूएसु णक्खत्त-देवय-कुले 284 पत्थि य से कोइ वेसो 599 णवि अस्थि णविय होही 260 74 29 447 206 260 WWWXWWW 599 379 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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