Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Author(s): Aryarakshit, Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 538
________________ [अनुयोगद्वारसूत्र 488] 503 धम्म धम्मत्यिकाय धम्मपएस ध्रुवणिग्गह 401 476 KAN .. 29 धूमप्पभा 3.67 परिकम्म परित्ताणत परिमंडलसंठाणनाम परिवेस परिवायग परिहारविसुद्धिय पलि उवम पल्ल पसती पंकभापुढत्री पाढलिपुत्त पाण पाण (श्वपच) 0 0 0Ys. لا ل سه पाद ر م. 207 495 We 495 495 .74 नलिणंग नलिण नंदी (द्वीपसमुद्र) नंदी (गान्धारग्राममूर्च्छना) नाप्रो निकाय निष्फाव निमंतणा निरय निसीहिया निहि नोमागम नोखंध पउप्र पच्चक्खाण पडिक्कमण पडिचंदय पडिपक्खपद पडिमाण पडिसूर पढमवग्गमूल पण्णवणा पण्हावागरणाई पत्यगदिद्रुत पत्थय पमाणगुल पयर पयरंगल पयणापयला पयावइ परमाण परमाणुपोग्गल परंपरागम पापय पाय पारिणामिय पाहुड पाहुडपाहुडिया पाहुडिया पुखर पुढविकाइय पूरिस पुत्व पुवविदेह 263 169 216 334 441 344 367 202 351 पुवंग पुब्ध पुहत्त YOm .mmxYY पोमलन्थिकाम पोग्गल परिबट्ट पोत्यकम्म फासणाम फासिदियपच्चक्ख वत्तीसिया बद्धाउय 402 470 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553