Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Author(s): Aryarakshit, Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 534
________________ 484] [अनुयोगद्वारसूत्र w 286 इंदियपच्चक्ख 286 x or w x PX" mr m mow is or p 2 . 247 244 279 508 प्राऊ (नक्षत्रदेवताविशेष) आए मागासस्थिकाय आगासपएस प्राडंबर (वाचविशेष) ग्राहय प्राण प्राणापाण प्राणुपुब्बि आभरण ग्राभिणिबोहियणाणलद्धी आभिणिबोहियणाण आभिणिबोयिणाणावरण आभिप्याउयनाम प्रामलन आमंतणी अायतसंडाणनान प्रायतसंठाणगुणप्पमाण पायसमोयार प्रायंगुल प्रायंगलप्पमाण प्रायाणपद आयार यारण राहणा प्रावकहिय प्रावलिय प्रावसिया प्रावस्सय पास (नक्षत्रदेवताविशेष) पाहारय (म) इक्खाग इच्छा (कार) इड्डर (गृहविभागविशेष) इत्तरिय इंदगी 224 avow AWN6 K " 0 GI WORGG GaloKGK GKKAKC 0 6 KC UGUA Knt 434 ईसाण ईसिपडभारा उकालिय उक्कित्तगाणुपुत्री उच्चागोय उजुसय उट्टि उड्डरेणू उड़ढलोन उडुढलोगखेत्तागुपुवी उण्णिय उत्तरकुरा उत्तरगधारा उत्तरमदा उत्तरवेउन्विय उदइए उदयनिष्फण्ण उद्धारपलिप्रोवम उद्धारसमय उद्धारसागरोवम उपक्कम उप्पण्णणाणदसणधर उप्पल उप्पल (कालमानविशेष) उम्माणपमाण उरपरिसप्प उवक्कम उवघातनिज्जूत्तियणगम उणिहिया उवभोगंतराय उरिमउवरिमगेवेज्जय उरिमगेवेज्जय उरिममज्झिमगेबेज्जय उवरिमहेट्ठिम गेवेज्जय Y Y x x roovs m" 0 om w or o no rx w or w 9 9 w or w 244 391 216 216 286 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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