Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
View full book text ________________
समाष्य पूणि निशीथ सूत्र
प्रयमादी लोहा खलु प्रयसो पवष्णहानी
२२९२
१८७०
१४२५०२४ १७७० ४४२६ ६२१६
.
५७६२ ६२३३
.
.
प्रयसो य प्रकित्सीय प्रयसोय अकित्ती या
३११८
३५८६
५१६२
३६६
२५३२
५१६२ २१८
९३२
६३५६
परिसिल्लस्स अग्मिा अलभता पवियार अनमं धमिरं सुचिरं अलमं भरणं नि बाहि प्रवनागागादि रिपल्लोम प्रवरण्ड गिम्हकरणों प्रवराहपदा सम्ने शवराहे लहुगतरो
प्रविकिट्ठकिलामंत प्रवि केवलमृप्यारे प्रतिकोविता त पुठ्ठा प्रविणाम होति सुलभो पवितहकरणे सुद्धा
प्रतिदिन पाडिहारिय ५१६२ प्रविदिगोवहि पाग्गा
प्रविधि अणुपाते
भविमायरं पि मदि ५१६२ अवि यह कम्मरण्याा ५१६२ पवि य हु जुत्तो दंडो ३८६४ अवि यह बत्तीसाए ६३६२ प्रवि य हु विमोहितो ते १५६२ प्रति यह सम्मपलंमा
अधि य हु सुत्ते भरिणय
अविरुद्धा यारिणयका १९९८
अविरुद्धा मञ्चपदा
प्रविसिट्ठा प्रावती १२४ २४८८ अविसुद्ध ठाणे काया
प्रविमरम तु गहणे ५०२० पविसद्ध लंबा ५.२१ प्रतिमेस देवत-णि मिसमाबी
प्रविमितमष्ट्रि प्रविसे व विमेसो प्रविदिम मारी पवने य प्रात प्रश्वजगजानो लु
अव्वा उलागा गियो उधाण ६.६७ प्रयोच्छित्ति गिामिन ६०६७
४०५५ ६४०३ ३३६४
२०३६ ५६८७ ४७८३
२८७५ ६५०६ १९२६ १८..
५७६२ ७६२
२३५६ -२२२ ६६६४
अवगेपर सजिझलियामंजुना अनगे फायगडो प्रवगे विधारितो प्रबरों वि य प्रागमो अवलम्व रोगगहितं प्रवलकवरणेगगहने प्रवलक्ख रणेगबधे प्रवलक्षणेग बंध भवलकवो उनधी प्रवस्मगमणं दिम्मासू
६२२६ ६२३७
७६४ २६९ ८८३ १५३०
१५०४ १५०६
३७३५
४१९८
अवमा वमम्मि कीरनि प्रवयेमा प्रगागाग प्रदमेमः पुगा अगला पवमोद गयदंसो पवहन गोग्ग माने पवि अंबुज पादेग प्रवि ग्रामिम्मि लगा
४२०३
१२८१८६० २८४३
प्रमग्भायं च दुनिहं प्रमहर नन्थि मोटी प्रमादिया नउरो
६०७४ २७२६ २५००
६३८४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608