Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications

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Page 548
________________ ५१४ बितियपदमरणप्पज्झे " 33 "" बितियपदमणागाढे faतिपदमरणाभोगा " fafaeपमा भोगे 33 " " 22 बितियपदमरिण उसे वा " 37 " "} "" 7 #1 "> 21 "" " वितियपदमधासंथड बितियपदमसति दीहे बितियपदमंचियंगी बितियपदमसंविग्गे "" "" वितियपदवुज्झराजतगा बितियपद व ज्भामित faतियपद वूढज्झामिय बितियपद बुडमुडोरगे बितियपद समुच्छेदे बितियपद साहूवंदरण बिaियपद सेहरोधरण बितियपद सेहसाहारणे बितियपद होज्ज भ्रमहू Jain Education International YESY ५६६० ५६६५ ६२५७ १५६६ १६६२ २५२० १०७८ १२०६ १४६८ १६६५ १७६५ ६२८ ६३७ ६४३ ६४८ ६६० ६६६ ६६७ ७०७ ७१६ ७२४ १६२८ ४०३० १३१३ २२० १०८८ ૪૬૭ ५५३८ ५५४७ ५१३ ६४२ ६४७ १६३४ ६२६५ २८८७ १८८२ ५७८० ८०२ ५४०१ बितियपद होज्जमणं बितियपदं प्रणवट्ठो fafaeपदं श्रद्धा fafaयपदं प्रायरिए वितियपदं उड्डा बितिपदं गम्यमारणे वितियपदं गेलपणे " 31 27 13 37 "" "" 21 "" "1 " " " 30 #1 "" " 17 " विनियपदं तत्थेव य वितियपदं तु गिलाणे विनियपदं तेगिच्छं fafaयपदं दोच्चे वा बितियपदं परलिंगे " बितियपदं पारंचिय बितिपदं संबंधी farयपदं सामं बितियपदे असिवादी बितियपदे प्राहारो For Private & Personal Use Only प्रथम परिशिष्ट ११३७ ३११६ ११०२ २७३६ ८८५ ,EXT १२ १४६६ १५२८ १५६१ १६०६ १६४१ २४७४ २४८७ ३२८१ ३२८८ ३३५२ ३४२० ३४७६ ३६६४ ४०४५ ५७६६ ६०३४ ६०४१ ६०४५ ६०५१ ६२३१ ४१६२ ४०१३ ६१० ३१२२ ४६६६ ४६८६ ५६४४ ३७६० १५१८ E २५६५ १६१४ ५३११ www.jainelibrary.org

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