Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications

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Page 583
________________ सभाष्यचूरि निशीथसूत्र निधानदर्शन प्रनागत रोग का परिकर्म "1 लौकिक व्यवहारों का निर्णय घातृ-पिण्ड "" निमित्त पिण्ड चिकित्सा पिण्ड कोप पिण्ड मान पिण्ड विद्या-पिण्ड मन्त्र- पिण्ट अन्तर्धान पिण्ड योग - पिण्ड क्रीतकृत पामिच्च परिवर्तन प्राच्छेद्य " प्रनिःसृष्ट प्राज्ञा भंग ज्ञानादिलाभार्थ प्रलम्ब - प्रतिमेवना बलम्ब विदशना अनवस्था प्रसंग का निवारण " प्रलम्ब-रम की आसक्ति प्रलम्ब भक्षण से आत्मविराधना अनाचीर्ण यतना और प्रयतना परिणामक, परिणामक और प्रतिपरिणामक प्रकल्प सेवन की भूमिका Jain Education International मयूरनृपांकित दोनारों का निधान अंकुर तथा बद्धमूल वृक्ष का अन्तर प्रवद्धित तथा विवद्धित ऋण दो नारी और एक पुत्र पटक रोता हुआ बालक और भिक्ष प्राचार्य संगमस्थ विर और दत्त शिव्य भविष्यकथन से सगर्भा घोड़ी की हत्या दुर्बल व्याघ्र को चिकित्सा चन्द्रगुप्त मौर्य के यहाँ क्षुल्लक द्वय का अन्तर्धान-प्रयोग वस्वामी के मातुल समिताचार्य और ४११ ४१८ मासोपवासी धर्मरुचि भिक्षु ४१८ ४२२ हट्टगा भोजनार्थी क्षुल्लक ; श्वेतांगुलि प्रादि पुरुष ४१६ विद्या द्वारा उपासक का वशीकरण पादलिप्ताचार्य द्वारा मुरुड राजा की मंत्रचिकित्सा ५०० तापस शय्यातर मंख तैल पामिच्च के काररण बहन का दासोत्व कोद्रव कूर के बदले में शालि कूर दुग्ध प्राच्छेद्य से रुष्ट गोपाल सत्त श्रों में स्तेनाच्छेद्य घृत बत्तीस मोदक वाला भिक्षु राजा द्वारा प्रजा को बण्ड लाभार्थ वाणिज्य - कर्म दो प्रजघातक म्लेच्छ कृषक के इक्ष-क्षेत्र की हानि राजा की कन्याओं का अन्तःपुर भोलों द्वारा देवद्रोरणी (गो) की हत्या मद्यपान से मांसाहार की प्रासक्ति मूंग की कच्ची कली खाने से स्त्री को मृत्यु प्रचित तिलों से भरी गाड़ी और भगवान् ૪૨ चार मदक और श्व-मांस अंशतः भग्न गाड़ी की मरम्मत ३८८ ३६४ ३६४ ३६६ ३६६ ४०४ ४०५ For Private & Personal Use Only ४२३ ४२३ ४२५ ४२५ ४३० ४३२ ४३३ ४३६ ४३७ ५०३ ५१० ५१८ ५१६ महावीर ५२३ प्रचित्त जल से भरा हब और भगवान् महावीर ५२३ विष, शस्त्र, बेताल और प्रौषध ५२५ ५२६ ५३१ ५२० ५२१ ५२१ ५२२ www.jainelibrary.org

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