Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications

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Page 603
________________ समाध्यग्गि निसीयसूत्र ५६६ मुरव लिसिय वल्लरी बलिया विवंची वीणा २०० पधराग २०१ सूर्यमणी २०० सूरकान्त २०१ स्फटिक ३८६ ३६८ १०६ १०६ ३८६ ० २०० २०० ० वेणु देवा वंस सरणालि: सदुय संख संखिगा एलासाढ खंडपाणा मूलदेव ससग ६२ २०१ २०१ २०१ कल्लालावरण कुत्तियावरण मज्जावण ४ २२ ४ १५१.१-२२ माकर ३२६ रसावण १३६ भावा २ तंद रयण दइर मीसग सुवण्ण हिरण्ण प्रद्वारसदेसी भामा अद्धमागहं पायय पुरोहित पालग १२७ - - ३६७ ६५ सुवमणगार प्रय घंटा तउय तंव २६७ मरणंगसेग ० शौकरिक सीसग सुवगा ६० मरिण और रत्न इंद्रनील चंद्रकान्त ३८६ वनतरी ५१२ ३४. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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