________________ Ardha Magadhi Ditionary: (Illustrated): Literary Philosophic and Scientific by Shatabdhani Rattan Chand ji maharaj, (Complete in Five Vols. ) with Introduction by A. C. Woolner (in original size), 1988 7500/श्रीमद्वादिदेवसूरिविरचित :- स्याद्वादरत्नाकरः / 800/जैन दर्शन - (सम्यक् ज्ञान दर्शन चरित्र के परिप्रेक्ष्य में) डॉ० साध्वीसुभाषा 500/जैन साहित्य में युवाचार्य मधुकर मुनि का योगदान - आर्या चन्द्रप्रभा आभा श्री 250/Jain Philosophy - (Religion and Ethics)-Prof. B.B. Rayanade, Demy8Vo. 2001 395/प्राकृतसूक्ति-कोश - मुनिचन्द्रप्रभसागर-2002 250/शौरसेनी प्राकृतभाषा और व्याकरण - प्रो० प्रेमसुमन जैन 125/कुन्दकुन्दाचार्य की प्रमुख कृतियों में दार्शनिक दृष्टि - डॉ० सुषमागांग 60/प्राकृतचन्द्रिका (Prakrtacandrika) : प्रभाकर झा 25/भारतीय दर्शन परम्परायां जैनदर्शनाम्मित-दे व तत्त्वम् (Bharatiyadarsana Paramparayam JainadarsanabhimataDevatafivam): डॉ० दामोदर शास्त्री, 1985 150/ अमर पब्लिकेशन्स सी० के० 13/23 सती चौतरा, वाराणसी। फोन 23923784 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org