Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications

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Page 588
________________ पंचम परिशिष्ट कापालिका गेरुम प्रवकत्र ३३२ प्रगन्थिम गोव्वय १६५ २ ११८,२०० चरक ३ २५६,३२५ खीरपट्ट घतमहु तंडुलचूर्ण दंतिक्क पिण्णाम भेसज्ज सत्तुम समितिम सुक्खोदण सुक्खमंडग चरिका तञ्चनिय तच्चण्णगी तडिय तावस २०७,४५६ तिदंडी परिवायग दिसापोक्खय परिवाय, परिव्राजक ४१४ १२ १६५ २ ११८,२०० ४१४ अन्यतीथिक देव केसव पसुवति बंभा १०५ परिवाजिका १०४ पंचगव्वास गिगय १०४ पंचम्गितात्रय १४२ पंडरंग १ १४६,१४७ पंडर भिक्ख १ १४६,१४७ रत्तपड १ १०३,१०४ महादेव विण्हु ११६ ४१४ १ ११३,१२१ २ ११६ ३ ४१४,४२२ १२३ ४१४ सिव १० प्रन्यतीथिक श्रमण और श्रमरणी २ ११८,२०० रत्तपडा वरणवासी भगवी वृद्ध श्रावक सक्क-शाक्य पाजीवंक ३,११८, २००,३३२ ४१४ २५३ ४१४ २ २०७,४५६ सरक्ख समग १६८ हड्ड सरक्ख कप्पडिय .२०७ कव्वडिय कावालिय कावाल परिवाजक १२५ २५३ प्रक्खपाद ४८८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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