Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications

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Page 576
________________ तृतीयं परिशिष्टम् चूर्णी प्रमाणत्वेन निदिष्टानां ग्रन्थानां नामानि २६ ३० १२२ विभाग पृष्ठ विभाग पृष्ठ प्रग्घकंड (अर्धकाण्ड) ३ ४०० । उपधानश्रुत (ग्राचारांग १-६) २ प्रत्यसत्थ (अर्थशास्त्र) ३ ३६६ प्रोह रिणबुत्ति (पोधनियुक्ति) २ ४३६ अणुप्रोगबार (अनुयोगद्वार) प्राचारप्रकल्प (निशीथ-मूत्र) , ४५०, प्राचारप्राभृत प्राचारांग ४ ६४,१०६, मायारराग (प्राचाराग्र-निशीथ) २१२ , १२० मायारपकप (प्राचारप्रकल्प) १ २,५,३१ पायारपगप्प ( , ) ४ । ३६८, मायारवत्यु (माचारवस्तु) ५८३ प्रायार (प्राचार) ३०४ कापसुत्त (कल्पसूत्र) ५२३ २३ २२३ कप्पपेट (कल्पपीठ) १३२ " २५४ कप्प-पेटिमा (कल्पपीठिका) १५५ २६४ मुडियायारकहा २४३ (क्षुल्लकाचारकथा, दश० प्र० ३) प्रावस्सम (प्रावश्यक) ४०५४ गोविंदरिणज्जुत्ति २१२ प्रावस्सग (अावश्यक) (गोविन्दनियुक्ति) २६० २४० चंदगवेझग २५३ चेडगकहा २ चंदपम्पत्ति छज्जीवरिया २३५ २६ इसिभासिय (ऋषिभाषित) उग्गहपरिमा (अवग्रहप्रतिमा, प्राचा० २.७) रारम्भयरण (उत्तराध्ययन) (चन्द्रकवेध्यक) (चेटककथा) (चन्द्रप्रज्ञप्ति) (षड्जीवनिका) दशव. प्र.४ . NMK २८० mm २ ४ २५२ २६८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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