Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
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मभाप्य चूगि निक्षीय सूत्र .
गडिपेवंतम्म नहि
२५१६
३४४८
पडिमेविनागि पुवं पडिसेहगस्ग लहुगा पडिसेह प पिच्छुभरणं परिमेहगा वरंटगा परिसेहे अलंभे वा पडिसेहेऽजयगाए पडिसेहे पडिसेहो
२२४८ ६६०२ ५४६२ ५६८० ४७५४ ३४४६ ३०४२ ४६७७ ४६६
४९५८ पद्यमस्म ततियठाणे
पदमस्स होति मुलं
पदमं तु भंडसाला ५३६७ पढम बितियं ततियं ३०८६ पदम राइंठवेंते
८६६ पढमा ठवणा एकको २८६६
५३६३ ५९७२ २९६४ ६४५६
पठमा ठवरणा पक्खो
६४५०
पढमा ठवणा पंच य पढमा ठवरणा पंचा
६४५४
पढमा ठवणा बीसा
६४५६ ६४३
६६८५ ६६६६ १३०० १९५२ १७५०
३३४ २९५७ २४६६ १४२७
३७७३
पडिसेहो प्रक्वानो पडिसेही जा पारणा पडिसेहो वा पोहो पडिहरिगीनो पडिहारिमो पडिहारिए जो तु गमो परिहारिते पवेसो पडिहारियं प्रदेते पडुपण्णाऽरणागते वा पढमग-मंगो वज्जो पढमचरमाहिं तु . पढा-ततिय-मुक्कारणं पढमदिरणबितिय-सतिए पढमदिगारणापुच्छ पढमदिणे म विफाले पढमबितिएसु कप्पे पढमवितिएहि छड्डे पढमबितिय दिवा वी पढम-वितियदुतो वा परम-वितियारण करणं
६४
५२८३ ४६३१ ५७६.
पढमाए गिहिरणं ६३३३ पढमाए पोरिसीए
पडमाए वितियाए २७७४ पढमालिम करणे वेला
पढमासति मणुष्णे पढमासति सेसारण व पडमिल्लुगम्मि ठागो
६४४५ ४१६१
५७८ २६०२
२४६ २३८५ २३७१ ५१२६
४६२२
२४७५
२७६५ ६३७२ ६३२६ ३८७७ ३८२७ २६५६ ४७६ ६६५
२०७५ २५२०
११८३ ५१७० ५६७१ ५३४६
०४२०
५८५१ पढसिल्लुगम्मि तदारिह
पढमुस्रोतिममुदयं पढमे गिलाणकारण पढमे पंचविधम्मि वि पढमे पंच सरीरा
पढमे बितिए ततिए २०७५
पढमे भंगे गहणं ४६१७ पढमे भंगे चउरो
पगागं च भिण्णमासो
३५२८
७१४ ७२२ ३४२३ १४४८ १३१५ ३६४८ ३२२२ ३२५३
पढमबितियातुरस्स य पढमन्मि जो तु गमो पढमम्मि य चतुलहुगा पढमम्मि य संघयणे पहमम्मि समोसरणे
१८६६
१७९६ ११४७ २५३६ ४११७ ४६२८
२६८८
पगगं तु बीय घट्ट
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