Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
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समावलि निसीपसूत्र
४८१
९८१
पत्तारि महाकाए
५८१६ ५७८६
पत्तारि उ उस्कोसा बत्तारि छप लहु गुरु
३९६६ ૨૯૪ २४७७
पउमंगो गहरणपक्सेवए पउभंगो दाणगहणे
उमंगो रातिमोयणे. चउभागवसेसाए पउभागसेसाए पउमूल पंचमूला पउरंगवग्गुरापरिखुढो चउरंगुलं वितत्वी चउरो मरुग विदेसं चउरो य गुंगिया सलु चउरो लहुगा. गुरुगा
३४२६ ३८२८
३९८२
४८४१ २१४३ ३३९७ १४२६ १८५८ ५२८६ ४००५ ५८०५ ४८७४ ३७०७ ३०६३ ३०६५ ३०६७ ५१८४ ३१२० २२१६
पत्तारि य उगवाया
२२०६ ३०६९ ५१२७ ५१२० ५१२२ ५१८२ ३८२४ ३२३६ ५६५० १४१५
२४७७ २४७१ २४७३ २५३६
४२६४ ३०५८ ४०६८
घउ लहुगा चउ गुरुगा बउलहुगादी मूलं
२८८२
३४३० १०८३ ५५६६
२२०३ ४९३५ १०३६ ३१६२
५४६५ ५४४०
६६७६ २०४२
१९९१ चत्तारि विचित्ताइ
बत्तारि समोसरणे
चम्मकरण सत्यादी २५३८ चम्मतिगं पट्टदुगं १६६१
चम्मम्मि सलोमम्मी चम्मादि लोहगहणं चरगादिणियट्टे सुं
चरण-करण-परिहाणे १०७२ चरित? देस दुविहा
परित्तम्मि असंतम्मि चरिमे वि होइ जयणा
चरिमोपरिणत कह६६८ चरू करेमि इहरा
चंक्रममावडणे १९५६ चंकमरणं पिल्लेवण २५२१
चंकमरगादी उट्टण
चंकम्मियं ठियं जंपियं १९७४ चंदगुत्तपपुत्तोय
चंदिमसूरुवरागे चंदुज्जोए को दोसो चंपा मरणंगसेको
चंपा महरा वाणारसी २८३३ चाउम्मासातीतं
चाउम्मासुक्कोसे
पउवग्गो विहु मच्छर पउसट्ठीपगारेणं पउसु कसातेसु गती चउहा रिगसीहकप्पो चक्कागं भज्जमाणस्स चक्की वीसतिभागं बहुग सराव कंसिय चतुगुरुगा छग्गुरुगा चतुगुरुगादी छेदो चतुपाया तेइच्छा चतुभंगे चतुगुरुगा चतुरंगुलप्पमाणं चतुरंगुलप्पमाणा चतुरेते करणेणं चतुरो य दिग्विया भागा चतुसुमहामहेसु चत्तकलहो वि ण पढति चत्ताए बीस पणतीस चत्तारि प्रधाकडए
२३९५
४८२८ २३५५ ३०६० ५१७१ २२०४ ३०७५ १६३७ १९३२
१५६ १०१२ ५०८८
३४९० १५१६ ५३२१ ६३३१
५३३ ५७४५
२५६८ २६४
२८६१
३४०६ ३१८२ २५६०
३८८८
२७६० ६४७६ ७५७
६५५ १४३४ ४०७३ ५००५ ५८६२
१८३०
४०३१
२४२
चाउल उण्होदग तुवर
४०३७
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