Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications

View full book text
Previous | Next

Page 521
________________ समायणि निधीपसूत्र Ye. २६८६ जावेविय कामगता वा पुन्बढिता वा ३३०७ २७२५ .७२१ ४४०२ २०१८ ३११८ ५०२३ ४५२ २९९८ ३,०८१ ३०२८ जीवति मोत्ति वा जीवरहिनो उ देहो जीवरहिते व पेहा जीवा पोग्गलसमया जीहाए विलिहतो जुग-छिड्ड-गालिया जुज्जति हु पगासफुडे जुत्तपमाणस्सऽसती जुत्तप्पमारण अतिरेग जुत्तमदारगमसीले ४३२२ ५८४५, ४०२१ १९.१ १९८० १९३२ १६८२ ४६६१ ४६८३ २६३२ ३०४० ४३२३ २२५१ ३७३७ ३४३५ १९५५ २०३२ ३००६ १००२ ११२३ ४९४० जामातिपुत्तपतिमारणं जामातिय-मंग्वमो बायग्गहणे फासु जायण-रिणमंतरणाए जायसु ण एरिसो हं जायते तु प्रपत्वं बारिसदम्बे इच्छह जारिसयं मेला जाव ठवग उदिवदा जाव ग मंडलिबेला जाव ण मुक्को ताव जावतिएणट्ठो भे जावतियं उवयुज्जति जावतियं वा लम्बति बावतिया उपजति जावंतिगाए लामा जावंतियमुद्देसो जावंति वा परिणया जा समणि संजयाणं जा संजपता जीवेतु जाहे पराझ्या सा जाहे य माहणेहि विदियो घिणी दक्खो विणकप्पिया उ दुविधा जिणकप्पे सुत्ते के जिण पोहस जातीए जिपरिणलेवलपुरए स्वय ३१८६ ४०२० १८६० ३१८४ २०२० १४७२ ५६१८ ६५३२ ३६६२ ३७११ जुत्तं णाम तुमे वायएण जुत्तं सयं ण दाउ जे पादरिसंतत्तो जे कुज्जा बूया वा जे केइ प्रणल दोसा जे चेव कारणा सिकागस्स जे चेव सक्कदाणे जे जत्तिया उबे जहिं मसोयवाद जे जे दोसायतणा जे जे सरिसा धमा बेटा सुदंसण जमालिजेण ण पावति मूलं जेण तु पदेण मुरिणता जेगाहियं ऊणं वा जे ते झोसियसेसा जे ति य मणिद्दे से जे ति व से तिवत्तिव जे पुरण ठिता पकप्पे जे पुण संखडिपेही जे पुव्ववड्ढिता वा जे पुव्वं उवगरणा जे भरिसता उपकप्पे जे भिक्खा जीवपि जे भिक्खू प्रजोगी तु जे भिक्खु प्ररोगत बे भिक्खू प्रसरणादी २३८३ ४१०३ ३३५७ ५५६७ ४८२ ६४८६ २०५८ ६५५०, ६२७३ १३६० ५८८७ ६५०२ ६५६२ ६५७० ६५७४ २३७२ ३७४५ २६७ ७०२ ५६८० ३०१८ ४८०६ जिणपण्णत्ते भावे विलिंगमपडिहतं जिणबयण परिक्कुटुं जिएवयणमासितेरणं जिणवयरणमप्पमेयं जिरणा परसस्वाई जियसत्तु-परवरिवस्त ३६१४ १४०६ २३५२ २३२९ २६५८ ३४७२ ५२५५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608