Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
View full book text ________________
५००
दीह छेयरण डवको
दहं च गीस सेज्जा
दुक्करयं खुजह्रुतं
दुक्खं कप्पो वो
दुक्खं खु निरनुकंपा दुग-तिग- चउक्क परणगं
दुगड - तिगडादी
दुगुरो चउग्गुणो वा दुग्गविसमे वि न खलति
दुग्गादि तोसियरिणवो दुग्गूढाणं छष्णंगदंसणे दुट्ठिय भग्ग पमादे
दुष्य दोणि विट्ठा
दुपदच उप्पदरा
दपतुप्पद - बहुपद दुपय- चउप्पयमादी
दुपय-चतुष्पदरासे
दुप्पडिले हिदूसं
दुपडिलेहियमादीसु दुप्पभिति पितापुता दुब्बलगहरिण गिलासा
दुम्बलियत्त साहू दुग्भासयहसितादी दुमपुप्फपढमसुत
दुल्लभदव्वं दाहिति दुल्लभदवेच सिया
दुल्लभदव्वे पढमो
दुल्लभपवेस लज्जालुगो
दुविध तवपरूवरणया
दुविधं च भावकसिरणं
दुविषं च होई तेणं
दुविधं च होति मज्
दुविधा छ दुविधा कायमणाया दुविषे गेलपणम्मि
"
मरिणा
"
दुविषे तेइच्छम्मी
Jain Education International
२३०
५६२१
XX
३६६
५६३३
१३६१
६१७
५८०४
६६६८
६०८०
५३१
४०२२
३४८६
४६८२
७०३
३२६
१४६७
४०२०
२५६६
३०४३
२७६७ ५७६३
११७७
३५५८
४६५७
४२०६
६३२०
२०
३६७
११७२
४५२
१५५८
४१
६५३
३२४
२४३२
४५४६
३६३५
११६६
२५२४
२५१२
२२५६
३५५३
दुविधेतेगिच्छम्मी दुविधो उ भावमंथवो
दुविधो कार्यम्मि वरणां
दुविधो खलु पासत्यो
दुविधो परिग्गो पुरा
दुविधो य मुसावांतो
दुविधो य संकमो खलु
दुविह चउहि छउब्विह
दुविह तिविहेण भति
दुविहमदत्ता उ गिरा
दुम्मि भैरवम्मि
दुविहरुमा रा
दुविहं च दोस मासेसु दुविहं चैव पमाणं
दुविहा उ होइ वुड्ढी
दुविहा तिविहाय तमा दुविहा दप्पे कप्पे
दुविहा दुगुडिया खलु
दुविहा पट्टया खलु दुविहाय लक्खरणा खलु
दुविहा य होइ दूती
दुविहाय होति जोई
दुविहा लोउत्तरिया
दुविहा सामायारी
दुविहासती य तेसि
दुविहे गेलष्णम्मी
दुविहो प्रसग्गो खलु दुविहो जा मजारणी
३६ दुविहो तस्स
दुविहोय अभिभूत दुविहोय पंडतो खलु
दुविहो य होइ कुंभी दुविहो य होइ दुट्टो.
६३७६ दुविहो य होइ धम्मो
३५५०
दुविहो य होइ पंथो
६३६६ दुविहो य होइ कीटो
दुविहो य होति कालो
For Private & Personal Use Only
प्रथम परिशिष्ट
२२३०
१०४०
१५०१
४३४०.
३७७
२९०
६२१
११५१
૪૨૬૪
४६८६
६२५०
५७२३
४६२१
६४२४
५४३२
२६२३
४१२३
१४४ .
५७५६
६६४२
४२६२
૪૩૨૬
५३५३
१६१६
६२१५.
६२७१
२५३२
३६७२
३६०६
३३०१
३६३६
३५७२
३५६१
३६८१
३२६६
५६४५
३६३८
६१२५
३५३२
३१३५
५८१६
19'9'S
३५५०
५१४६
४६८६
३०५१
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608