Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
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एसि असतीए एतेसि काररगाणं एतेसि च पयागं
एसि तु पदा
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एसि तु पया
एतेसि पढमपदा
एतेसिं परूवणता
एतेसु उगेव्हंते
एतेसु चित्र खमरणादिए सु एतेह संथरंतो तेहि कारणेहिं
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एते होंति प्रपत्ता एतो एगतरीए एत्तो एगत्तरेणं
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एतो शिकायer एसो समारुमेज्जा
३०८२ एतो हीतरागं
३०८२
एत्थ उ भणभिग्गहिय
एत्थ उपरणगं परणगं
एत्थ किर सन्नि सांग
एत्य पडिसेवरणाच
१८६५
३१५१
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५७३८
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६५८१
एत्थं पुरण एक्केक्के
६१९४
मादि भागय दोस रक्ख गुड्डा ३४४१ मादिकारह
२४५४
एमेव भवहितमि बि
एमेव
सुवि
एमेव भट्टजात
एमेव प्रतिक्कते
४६०८ एमेव प्रणिहिते
एमेन महादे
एमेव इत्विग्गे
एमेव उम्गमादी
एमेव उत्तिम
एमेव उवहिसेज्जा
एमेव उवज्झाए
एमेव कतिवियाए
एमेव कागमादिसु
एमेव मरणायरि
"1
एमेव गरणावच्छे
एमेव गिलाणे वी
एमेव गित्येसु वि
एमेव चरिमभंगे
एमेव चरिमभंगो
एमेव वाउलोदे
एमेव चारणभडे
एमेव चिट्ठादिसु
एमेव चेइयाणं
एमेव एव विकप्पा
एमेव ततियमंगे
एमेव ततियभंगो
प्रथम परिशिष्ट
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