Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
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समाष्यपूणि निशीथसूत्र
एवं पि पठायंतो एवं पि कीरमाणे
एवं पि परिवता
एवं पीतिविवी
एवं पुच्छासुद्धे
एवं फासूमफा
एवं बारसमासा
एवं बारसमासे
एवं भगतो दोसो
एवं वितिमिच्छे वी एवं वि मग्गमाणे
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एवं सहकुलाई एवं सरण व मुंज चिप्पि
एवं सतिराण वि
एवं सिद्धं ग्रहणं
एवं सुतगिबंधो
एवं सुतं फलं
एस गमो वंजरणमीसएरा एस तवं पडिवज्जति
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एस तु पलंबहारी एस पत्थो जोगो
एसमरणाइण्णा खलु एस विही तु विसज्जिते
एसरण दोसे व कते
एसरणमादी भिण्णो
एसरणमादी रुद्दादि
एसा श्रविही भरिणता
एसा भाइण्णा खलु
एसा उ श्रगीयत्ये
एसा उ दप्पिया
एसा खलु मोहे एसा विही विसज्जिते
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एसा मुत्त प्रदत्ता
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एसेव गमो नियमा
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एसेव चतुह पडिसेवरणातु
एसेव यदि तो
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