Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
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४६४
प्रथम परिशिष्ट
उभयो सह-कज्जे वा उम्मत्तवायसरिसं
५४६ ६५७ ५२४७ ५३७० ५७१६
२६१५ उवरिं तु पंचभइते २३८० उवरि तु मुंजयस्सा ३३२६ उरिसंते लहुगं ३३२६ उपलक्खिया य उदगा
उवलजलेण तु पुग्वं उवसग-गणित विभावित उवसग्गवहिट्ठाणं उवसमगढ़ पउ8 उवसंते वि महाकुले
५६४७
३५५४
उम्मर कोट्टिबेसु य उम्मादो खलु दुविधो उम्मायं च लभेज्जा उम्मायं पावेज्जा उल्लम्मि य पारिच्छा उल्लावं तु असत्तो उल्लोम लहु दिय रिणसि उल्लोमाणुण्णवणा उल्लोयरण रिणग्गमणे उदएसो संघाडग
६१७७ ३३४१ ३७५६ २६५५ ११६८ ११६७ ५३५० १९८८ १९८६ ८१८ २०८ ५३८० ५६४६
६४६०
८२२ १२८२ ५२६१ ४२३७ २६७५ ४३६४ ११७३ ३५३७ ३५५७ ३६७७ २७६॥ २८४६ १७०० ३०६८ ३६७३ ३५७६ ६२२६ ४६०७ ४६०५ ३०६८ २०७१
५५८०. ३७२२
१९९६
उवकरणपूतियं पुण उपकरणे पडिलेहा
५१५४
१९६७
२७६६
२९७४
३५७८ उपसंतो रायमचो ३५७७ उवसंपयावराहे
उवसामितो गिहत्यो २६९२ उवस्सए य संथारे २९६३ उवस्सग रिगवेसरण
उवहत उट्ठिय गयणे ३४६२ उवहतं-उवकरणम्मि ३४३४
उवहम्मति विण्णाणे ३०५७ उवहयउग्गहलमे ३०६५ ___ उवयमावहते वा
उवहिम्मि पडग साग उवहि सुत्त भत्त पाणे उवही माहाकम्म
उवही य पूतियं पुण १८२५ उवेहमत्तियपरितावरण
उवेहोभासणकरणे उवेहोभासण उवणा उवेहोभासण परितावरण उवेहोभासण वारण उब्वत्त खेल संचार उम्वत्तगणीहरणं उव्वत्तण परियत्तण उम्वत्तणमप्पत्ते उव्वत्ताइसंचार उठवताए पुब्वं
३१५६ २६२८
उवगरण-गेण्हणे भार उवगरण पुम्वभरिणतं उवग्गहिता सूयादिया उवचरग महिमरे वा उवचरति को गिलाणं उवर्जु जिउ' णिमित्ते उवदेस-अगुवदेसा उवधिममत्ते लहुगा उवधी पडिलेहेत्ता उवधी लोभ-भया वा उवधी सरीर चारित उवधी सरीरमलाघव उवधीहरणे गुरुगा उवभुत्त-थेरसद्धि उवभुत्तभोगथेरेहि उवरिमसिण्हा कप्पो उरि सुयमसद्दहणं उरि पंच मपुण्णे उरि तु अप्पजीवा उवार तु अंगुलीमो
१९८४ १९८७ १९८६ १९८५
३०८५ ३०८६ ३०६७ ३०५६ ३०५० २९८४
१४३८ १३३३ २४४६ १९६५
१८८६
२२३१
१९. ६१८२ ३२६६
१७५६
३७६२ ५४६५ ३८८४ १९४६ १९५५ ३००२ १९०५ १३४४५७.
उज्वरगस्स तु असती . उब्बरगे कोणे या
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