Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Part 01 Sthanakvasi Gujarati Author(s): Ghasilal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar SamitiPage 13
________________ अनु. विषय पाना नं. ૧૪૨ ૧૪૬ ४८ वत गद्राहियों हे भतछा निरसन ५० सन्यभतावलमियों इस प्राप्तिष्ठा नि३पारा ५१ प्रष्ठारान्तरसे हैवोक्षाधियों डे भतछा नि३पारा ५२ त्रैराशिष्ठों भतछा निरसन 43 प्रठारान्तरसे कृतवाहियों के भतछा नि३पारा ५४ रसेश्वरवाहियों भतठा नि३पारा । ५५ रसेश्वरवाहिछे भतळे अनर्थताठा ज्थन १४८ ૧પ૦ ૧પ૧ ઉપર ૧પ૩ यौथा शा ૧પ૪ ૧પ૬ ૧પ૭ ૧પ૮ ५६ पुर्वोतवाहियों इसप्राप्तिष्ठा नि३पारा ५७ पुर्वान्तवाहियों उ प्रति विद्वानों का इतव्य ५८ साधुओं छावनयात्रा निर्वाह हा नि३पारा ५८ गभ आहि घोषोंछा नि३पारा ६० सोलह प्रछार उत्पाहनाघोषठा नि३पारा ६१ शंठित माहिशभ्रष्टार डे घोषों छा नि३पारा ६२ ग्रासैषा पांय घोषों डा नि३पाश 63 पौराशिठाहि अन्यतीर्थिष्ठों उ भतठानि३पारा ६४ विपरीत सुद्धि नित लोटवाडा नि३पाश ६५ सन्यवाहियों भतठा जाउन डे लिये अपने सिद्धान्त छा प्रतिपाहन ६६ अन्यवाहियों के भत हे जाउन में दृष्टान्त छा ज्थन ६७ वहिंसा डे निषेध छा जारा ६८ भोक्षार्थि भुनियों छो उपदेश ६८ साधुओ गुराठा निधारा ७० मध्ययन डा उपसंहार ૧૬૦ ૧૬૧ ૧૬૨ ૧૬ ૨ ૧૬૩ ૧૬૫ ૧૬૮ ૧૬૯ १७० १७१ ૧૭ર दूसरा अध्ययन हा पहला देशा ७१ दूसरे अध्ययनठी अवतरठिा ७२ लगवान आदिनाथने स्व पुत्रोंछो हियाहुआ उघटेशवयन १७४ ૧૭૪ શ્રી સૂત્રકૃતાંગ સૂત્રઃ ૦૧Page Navigation
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