________________
४८.
आदर्श-ज्ञान-द्वितीय खण्ड
४८० मुनि०-२६९ पर्वत शाश्वता छ । बुढी०-केवा केवा ? मुनि०-२०० कांचनगिरी, ३४ दीर्घवैताड़, ६ वर्षधर, ४ गजदंता, ४ वाटलावैताड़, ४ जमक समक चित्र विचित्र, १६ वखारा, पर्वत तथा १ मेरुगिरी, कुल २६९ पर्वत छ ।
बुड्डी०-जम्बुद्वीप मां द्रह केटला छे ? मुनि०-१६ द्रह छ । बुढी०-जम्बुद्वीप मां नदियां केटली छे ? मुनि०-१४५६०९० नदियां छ । बुढो-जम्बुद्वीप मां विजयात्रो केटली छे ? मुनि०-३२ छ। बुढी-खंड की विजय नो नाम अने क्यां छे ?
मुनिः-महाविदेह क्षेत्र मा ३२ विजयाश्रो छे तेमां चौबीसमी सलीला विजय छ ।
बुढी–तमे कहो छो के साधारण ज्ञान आवड़े छे, पण तमे तो महाज्ञानी होय एम लागो छो, एटलो बधो कठस्थ ज्ञान । ___ भंडारी०-आ महाराज ने ४०० थोकड़ा आवे छे, अने घणा शास्त्र कण्ठस्थ करेला छे।
बुदि-हाँ करता हशे त्यारेज अमारा प्रश्नों ना खडाखड़ उत्तर आपो दोधा, साहेब अत्र मास कल्प विराजो अने पछी चौमासो कर जो, तमने बहु लाभ था शे।
मुनि०-नारे बहेन अमारे तो काले विहार करवानो छ। बुड्ढी-साधु थइ गया पछी एटली बधी दौड़ धूम शानी ? मुनि-अमरे गुरु महाराज ने पासे जउ छे, अने शत्रुञ्जय