Book Title: Videsho me Jain Dharm
Author(s): Gokulprasad Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 29
________________ विदेशों में जैन धर्म 29 व्याप्त थी तथा एशिया के अन्य नगरों में भी जैन धर्म फैला हुआ था । इस्तम्बूल से पश्चिम में स्थित तारातंबोल से लगाकर लाट देश तक के विस्तृत क्षेत्र में जैनधर्मी जनता का निवास था। तारातम्बोल के निकट स्वर्णकांति नगरी में भी जैन धर्म की प्रभावना थी । उक्त विवरणों के अनुसार, एशिया के अन्य अनेक नगरों में जैन प्रभावना होने की सूचना प्राप्त होती है तथा इस्तम्बूल से लगाकर लाटविया तक के विस्तृत क्षेत्र में जैनधर्मी जनता के विद्यमान होने की सूचना मिलती है। उन्हें यात्रा में तारातंबोल नगर में तीर्थंकर अजितनाथ का मन्दिर, शान्तिनाथ मन्दिर और चन्द्र प्रभु तीर्थ में हस्तलिखित ग्रंथ संग्रह तथा जैन मुनि तथा स्थान-स्थान पर सोने-चांदी के अनेकों रत्न-जटित मन्दिर मिले थे जिनका उन्होंने विस्तार के साथ विवरण दिया है। बुलाकीदास के अनुसार, वहां का राजा जैन धर्मावलम्बी जयचन्द्र सूर था तथा प्रजा जैन धर्मानुयायी थी । यह नगर सिन्धु सागर नदी के किनारे स्थित था। इसके आसपास 700 से अधिक जैन मंदिर विद्यमान थे जिनके मध्य में आदीश्वर का मन्दिर था । इस्फहान तथा बाबुल, सीरस्तान आदि में भी जैन मन्दिर थे । यहा के निवासी जैन व्यापारी पणि और चोल थे। ये विवरण चौथी से छठी शताब्दी के हैं। 'तारातबोल में जैन ग्रंथ "जबला- गबला" भी विद्यमान था तथा एक सरोवर के निकट शांतिनाथ का मन्दिर था । इस्तबूल से 600 कोस की दूरी पर स्थित एक. सरोवर में अजितनाथ की विशाल मूर्ति तथा तलगपुर नगर मे 28 जैन मन्दिर थे। नवापुरी पट्टन में चन्द्रप्रभु का मन्दिर था । यहा से 300 कोस दूर तारातंबोल में अनेक जैन मन्दिर, जैन मूर्तियां, हस्तलिखित जैन ग्रन्थ एवं जैन मुनि विद्यमान थे। वास्तव में तारातंबोल किसी एक नगर का नाम नहीं है। ये इर्तिश नदी के किनारे बसे तारा और तोबोलस्क नाम के दो नगर हैं। तारा इर्त्तिश और इशिम के संगम पर बसा है और तोबोलस्क को ही सिन्धु सागर नदी कहा गया है। इन्हीं विवरणों में टुण्ड्रा प्रदेश, टांडारव, अल्ताई, लाटविया का भी उल्लेख है । अल्ताई में सोने की खानें थीं जहां भारत से जैन व्यापारी जाते थे तथा अल्ताई से लाटविया (बाल्टिक सागर) तक की जनता जैन धर्मावलम्बी थी। तारातम्बोल में उस समय उपलब्ध जैन शास्त्र 'जबला-गबला" उत्तरापथ

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