Book Title: Videsho me Jain Dharm
Author(s): Gokulprasad Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 78
________________ विदेशों में जैन धर्म अति प्राचीन काल में वस्तुतः सिंहलद्वीप मे विधाधर वंश की ऋक्ष जाति का निवास था । ऋषभपुत्र सम्राट् भरत चक्रवर्ती ने इस द्वीप की विजय करके वहा जैन धर्म और श्रमण संस्कृति का प्रचार किया था । रामायण काल में ऋक्षवंशी रावण लंका का महापराक्रमी जैन नरेश था । तदनन्तर बाईसवें जैन तीर्थंकर अरिष्टनेमि का श्रीलंका में मंगल विहार हुआ था जिनकी स्मृति में श्रीलंका मे अरिष्टनेमी विशाल जैन विहार का निर्माण भी किया गया था। पार्श्वनाथ के तीर्थ काल में करकंडु नरेश ने भी सिंहल की यात्रा की थी। 78 मौर्य सम्राट् सम्प्रति ने श्रीलका मे श्री दिगम्बर मुनियों को धर्म प्रचार के लिए भेजा था, जैसा कि बौद्ध ग्रन्थ महावश से प्रकट होता है। क्रौंच द्वीप सिंहलद्वीप (लंका) और हस द्वीप में जैन तीर्थकर सुमतिनाथ की पादुकाएं थीं। पारकर देश और कासहद मे भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा थी तथा रत्नाद्वीप में जैन व्यापारियों का निवास था । प्राचीन जैन साहित्य में इस बात के प्रचुर मात्रा मे उल्लेख मिलते है कि जैन साधुओ ने धर्मप्रचारार्थ भारत से श्रीलंका की अनेकानेक यात्राये कीं । उत्कल (उड़ीसा) के सम्राट खारवेल ने भारत तथा विदेशों में समय-समय पर जैन साधु और धर्म प्रचारक भेजे। जैन वाङ्मय मे उल्लेख मिले है कि अनेक जैन सघ भारत से श्रीलंका, जावा, सुमात्रा, श्याम (थाईलैण्ड), वियतनाम आदि गये)। श्रीलंका मे सिगिरिया प्रदेश में अभयगिरि में एक सुविशाल जैन मठ विद्यमान था जहा बडी संख्या विद्यमान थे। अभयगिरि प्राचीन काल में राजधानी थी और राजधानी स्थित जैन साधु श्रीलंका तथा दक्षिण पूर्व के अन्य देशों में विहार करते थे । वस्तुतः श्रीलंका में जैन धर्म प्राचीन काल से सुस्थापित था । श्रीलंका के प्राचीन वाङ्मय एव अन्य प्रमाणों से साबित होता है कि खल्लाटगा (109 जैन साधु से 103 ईसा पूर्व) के शासन काल मे अभयगिरि स्थित जैन मठ एवं विहार -विशेष रूप से प्रभावी और लोकप्रिय था। राजा बट्टगमिनी के शासन काल से पहले जैन मठ के मुनि श्रीगिरि का विशेष प्रभाव था। बाद में बौद्ध हो जाने के कारण राजा वट्टगमिनी के शासन काल (89 से 77 ईसा पूर्व) में उसके धर्म परिवर्तन के कारण जैन मठ को घोर हानि पहुंची और अन्ततोगत्वा जैन मठ को बौद्ध विहार में सम्मिलित कर लिया गया।

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