Book Title: Videsho me Jain Dharm
Author(s): Gokulprasad Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 109
________________ विदेशों में जैन धर्म 49. जैन जर्नल, भाग 3ए अप्रैल, 1969 पृष्ठ 160. 50 धर्मानन्द कोसाम्बी - भारत की संस्कृति और अहिसा । 51. संस्कृति के चार अध्याय - डॉ० रामधारी सिंह दिनकर । 52. अनेकान्त (मासिक) वीर सेवा मन्दिर, दयिगज, नई दिल्ली- वर्ष 11, किरण - मोहनजोदडो कालीन और आधुनिक जैन संस्कऽति (पृष्ठ 48 ) 1 53 Hindustan Times, New Delhi - 20.7.1975. 54 विशाल भारत, भाग 18, पृष्ठ 626.632 पर प्रो हेवीन्ट की शोध पर लिखा हुआ लेख जिस में प्रागैतिहासिक राजवश का उल्लेख है। 55 "जैन (गुजराती साप्ताहिक भाव नगर, गुजरात) 2 जनवरी, 1937 (पृष्ठ 2)} 56 Short Studies in the Science of Comparative Religion, Page 243 and 244. (J.G.R. Furloug). है । 57 प्रोफेसर ए चक्रवर्ती के ईरान में जैन धर्म विषयक उल्लेख । 58 विविध तीर्थ कल्प - जिनप्रभसूरि मे इसका उल्लेख हुआ 59 मौर्य साम्राज्य के इतिहास की भूमिका के पी जायसवाल। 60 भारतवर्ष का इतिहास - मिश्रबंधु हिमवत खण्ड 2, पृष्ठ 121. 61 अशोक के धर्मलेख जनार्दन भट्ट, पृष्ठ 14 आदि । 62 जैन सत्य प्रकाश (गुजराती मासिक पत्रिका) जैन राजाओ शीर्षक लेख । - 63 V.A. Smith - Early History of India, Page 154. 64 तिलोय पण्णत्ति पृष्ठ 338. 109 क्रमांक 32, पृष्ठ 136 मे 65 हरिषेण कृत कथा कोष । 66 जैन शिलालेख संग्रह - डॉ. हीरालाल जैन, पृष्ठ 68. 67 आराधना कथा कोश । - 68 पुण्याश्रव कथाकोश श्री नाथूराम । 69 आचार्य हेमचन्द्रकृत परिशिष्ट पर्व - 8/415-435. 70 Mysore and Coorg Inscriptions - Lewis Rice. 71 Mysore and Coorg Inscriptions - Lewis Rice. 72 डॉ फ्लीट का भद्रबाहु और चन्द्रगुप्त पर लेख - Indian Antiquary - Volume 21. 73. निशीथ चूर्णी । 74. भारत का इतिहास - विन्सेन्ट स्मिथ । 75 आचार्य हेमचन्द्र के परिशिष्ट पर्व प्रभृति जैन ग्रन्थों के आधार पर श्री विद्यालंकार ने यह निष्कर्ष निकाला । 76 प्रोफेसर जयचन्द्र विद्यालंकार - वृहत्कल्प सूत्र - 301 नियुक्तिगांधा 3275. 89 के आधार पर ।

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