Book Title: Videsho me Jain Dharm
Author(s): Gokulprasad Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 32
________________ 32 विदेशों में जैन धर्म प्रवेश के पश्चात् तो श्रमण शैली समाज का प्रधान और पूज्य अग बन गई थी। आज भी बौद्धेतर समाज अपने पुरोहितों को "समन" ही कहता है। महावीर से पूर्व ही तीर्थकर पार्श्वनाथ के तीर्थकाल में सातवीं शती ईसा पूर्व से भारत विश्व का धर्म केन्द्र बन गया था। हिमालय क्षेत्र, आक्सियाना, बैक्ट्रिया और कैस्पियाना में पहले से ही सर्वत्र श्रमण संस्कृति का प्रचार-प्रसार था। वस्तुतः चीन से कैस्पियाना तक पहले ही श्रमण संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो चुका था। श्रमण संस्कृति तो महावीर से 2200 वर्ष पूर्व ही आक्सियाना से हिमालय के उत्तर तक व्याप्त थी। चीन में ऐसे सन्तों की परम्परा विद्यमान थी जो लोक हितैषणा से ही कार्य करते थे और सादा जीवन बिताते थे। चीन और मंगोलिया में एक समय जैन धर्म का व्यापक प्रचार था। वहा जैन मन्दिरों के खण्डहर आज भी प्रचुरता से पाये जाते हैं। ____ मंगोलिया के भूगर्भ से अनेक जैन स्मारक निकले हैं तथा हाल ही में मंगोलिया मे कई खंडित जैन मूर्तियां और जैन मन्दिरों के तोरण भूगर्भ से मिले है जिनका आंखों देखा पुरातात्त्विक विवरण बम्बई समाचार (गुजराती) के 4 अगस्त 1934 के अक में निकला था। डॉ. जार्ल शारपेन्तियर ने अनेक प्राचीन ग्रंथों के आधार पर यह प्रमाणित किया है कि जापान के बौद्ध धर्म पर जेनमत (येन मत- प्राचीन कालिक जैनमत) की छाप पड़ी है। उदाहरणार्थ, योग में चित्तवृत्ति निरोध, आत्मानुभूति, समय और धार्मिक क्रियायें येन मत. (जैन मत) की विशेषताये हैं, बौद्ध धर्म की नहीं। येन मत (जैन मत) पूर्व कालीन जैन धर्म प्रतीत होता है क्योंकि इसमें वर्णित स्वानुभूति ही सम्यग्दर्शन है और स्व-अनुशासन ही निश्चयतः चारित्र है। इसमें अनेक धर्मो के मिश्रण की संभावनायें इसके अनेकान्तवादी दृष्टिकोण को व्यक्त करती हैं। इसका ध्यान जैन धर्म में मोक्ष या निर्वाण या आत्मानमति का साधन बताया गया है। जैन धर्म भी आत्मा को शुद्ध, बुद्ध मानता है और निर्वाण को ईश्वर कृपा पर निर्भर नहीं मानता। येनमत (जेनमत) के समान जैन धर्म भी कभी दरबारी नहीं रहा। दोनों का सम्बन्ध आत्माश्रयी है, बाह्यस्रोती नहीं। जेनमत (येनमत) बौद्ध धर्म से पूर्ववर्ती भगवान पार्श्वनाथ के समय में भी प्रचलित था। इसमें वीतरागता और स्वानुभूति को जन्म स्थान प्राप्त है। वस्तुतः दोनों के

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