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श्रमण / जनवरी-मार्च १९९७
गोधन, गजधन, वाजिधन, और रतनधन खान । जब आवे सन्तोषधन, सब धन धूरि समान ।।
सन्तोष के साथ-साथ आत्मजागृति का होना आवश्यक है। जब तक दृष्टि परिवर्तित नहीं होगी, तनाव मुक्ति संभव नहीं है। जब व्यक्ति अपने भीतर में स्थित हो जायेगा, भीतर छुपी अपार सुख राशि को प्राप्त कर लेगा तब वह तनाव से स्वतः मुक्त हो जायेगा । श्री योगीराज डॉ० बोधायन के अनुसार "अपनी सारी परेशानी का कारण व्यक्ति स्वयं है । कोई दूसरा दुःख नहीं देता है। हम स्वयं दुःख को ग्रहण करते हैं। हमें स्वयं ही इसे त्याग कर तनाव दूर करने होंगे। ३४ आत्मा में अनन्त शक्ति होती है। सुख-दुःख उसी के द्वारा होते हैं। उत्तराध्ययन सूत्र में कहा भी गया है— आत्मा ही दुःख और सुख को देने वाला है । यही मित्र और शत्रु है । ३५ जो आत्मा है, वही विज्ञाता है और जो विज्ञाता है वही आत्मा है। सुख की आशा में दूसरे को जानने में रत रहना व्यर्थ है । अपने को जानना ही सुख है । ३६ भगवान् महावीर ने भी कहा है जो एक आत्म तत्त्व को पहिचान लेता है, वह सब कुछ जान लेता है । ३७ जैन आगमों में तो आत्मा को ही परमात्मा माना गया है । ३८
अतः तनाव मुक्ति के लिए आत्मशक्ति को जागृत करना होगा। जब आत्मा के भीतर छुपे सुख को व्यक्ति प्राप्त कर लेगा तो तनाव मुक्त ही नहीं वरन् परम पद अर्थात् मोक्ष को भी प्राप्त हो जायेगा ।
समता द्वारा तनाव मुक्ति
आत्म-शक्ति को जान लेने के बाद समता का विकास तो स्वतः हो जाता है क्योंकि समता आत्मा का ही गुण है। समतामय जीवन हो जाने पर तनाव स्वयं दूर भाग जायेंगे । संयमित व्यक्ति में राग-द्वेष की भावना नहीं रहती है। उसके लिए सभी प्राणी समान होते हैं। वह किसी को किसी भी प्रकार का दुःख नहीं देना चाहता हैं। इस प्रकार राग- -द्वेष कम हो जाने पर तनाव स्वतः ही खत्म हो जायेगा ।
ध्यान और योग द्वारा तनाव मुक्ति
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ध्यान से आत्मिक शांति प्राप्त होती है। विषयकषायों की मन्दता व मन, वचन, काय के योगों पर नियन्त्रण होना ही ध्यान की सफलता है। मन की एकाग्रता ही ध्यान है। ३९ स्थिर चिन्तन, मन की सुलीन दशा और चित्त की एकाग्रता ही ध्यान है क्योंकि तनाव का प्रमुख कारण मन है और मन को ध्यान द्वारा ही नियन्त्रित किया जा सकता है । महर्षि पतंजलि ने भी कहा है कि चित्त वृत्ति का निरोध ही योग है" और अपने अष्टांग योग में उन्होंने ध्यान को समाधि से पहले स्थान दिया है । ४२ जब ध्यान के द्वारा मन एकाग्र हो जायेगा तो जीवन स्वतः ही तनाव मुक्त हो जायेगा ।
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