Book Title: Sramana 1997 01
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 112
________________ Jain Education International ४४. १५३० धर्मसागरसूरि माघ वदि ६ बुधवार बुद्धिसागर, पूर्वोक्त-भाग१, लेखाङ्क ८०४ संभवनाथ देरासर, झवेरीवाड़, अहमदाबाद शांतिनाथ देरासर, छाणी, बडोदरा ४५. १५३५ " आषाढ़ सुदि ५ गुरुवार वही, भाग २, लेखाङ्क २६८ शांतिनाथ की धातु की चौबीसी प्रतिमा का लेख धर्मनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख आदिनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख नमिनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख ४६. १५३७ " For Private & Personal Use Only वैशाख सदि ३ सोमवार नया जैन मंदिर, नासिक मुनि कांतिसागर, पूर्वोक्तलेखाङ्क २३९ ४७. १५६१ माघ वदि ५ शुक्रवार धर्मसागरसूरि के पट्टधर धर्मप्रभसूरि वीरचैत्यार्तगत आदिनाथ चैत्य, लोढ़ा, पूर्वोक्त-लेखाङ्क ८९ पिप्पलगच्छ का इतिहास www.jainelibrary.org : १०९

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