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जैन जगत् : १२१ भगवान महावीर पुरस्कार से श्री रतनलाल सी० बाफणा सम्मानित
भगवान महावीर फाउन्डेशन, मद्रास द्वारा इस वर्ष का ‘भगवान महावीर पुरस्कार' जलगाँव के श्री रतनलाल सी० बाफणा को प्रदान करने की घोषणा की गयी है। इस फाउंडेशन सेलेक्शन कमेटी के चेयरमैन महाराष्ट्र के भूतपूर्व राज्यपाल श्री सी० सुब्रमण्यम् है। ___भंगवान महावीर में अहिंसा तत्त्व का एक महत्त्वपूर्ण अंग शाकाहार-प्रचार एवं प्रसार हेतु श्री बाफणा द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिए यह
सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार आपको दिया गया है। पुरस्कार के रूप में पाँच लाख रुपये की नगद राशि एवं स्मृतिचिह्न आपको महावीर जयन्ती दिनाङ्क २० अप्रैल, १९९७ को मद्रास में प्रदान किया जाएगा।
शाकाहार प्रचार कार्य हेतु श्री बाफणा द्वारा अनेक जगह कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। आपके प्रयास से लाखों लोगों को मांसाहारी से शाकाहारी बनाया गया है। जीव रक्षा, मानव सेवा एवं शाकाहार के प्रति लोगों को प्रेरित करना श्री बाफणा के प्रमुख कार्य हैं।
इसके पूर्व भी आपको जमनालाल बजाज 'उचित व्यवहार' पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से श्री बाफणा को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
जैन पाण्डुलिपियों के विकास और महत्त्व पर
अखिल भारतीय संगोष्ठी बीना १९-२० फरवरी १९९७, अनेकान्त ज्ञान मंदिर, बीना, मध्य प्रदेश का पंचम स्थापना दिवस समारोह दो दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी के रूप में सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी का प्रारम्भ १९ फरवरी को अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के रूप में हुआ। २० फरवरी को “जैन पाण्डुलिपियों के महत्त्व और विकास' पर विद्वानों ने चर्चा की। इस अवसर पर इतिहासरत्न डॉ० कस्तूर चन्द्र कासलीवाल, डॉ० कुन्दन लाल जैन आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। यह संगोष्ठी ब्रह्मचारी संदीप जैन के सानिध्य एवं श्री निहालचंद जी के संयोजकत्व आयोजित की गयी थी।
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