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पिप्पलगच्छ का इतिहास
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धर्मशेखरसूरि [वि०सं० १४८४-१५०६] प्रतिमालेख विजयदेवसूरि [वि०सं० १५०३-१५३०] प्रतिमालेख
शालिभद्रसूरि [वि० सं० १५१५-१५३४] प्रतिमालेख
शांतिसूरि गुणरत्नसूरि [वि०सं० १५०७-१५१७] प्रतिमालेख गुणसागरसूरि [वि०सं० १५१७-१५४६] प्रतिमालेख शांतिप्रभसूरि [वि०सं० १५५४] प्रतिमालेख
मुनिसिंहसूरि अमरचन्द्रसूरि [वि०सं० १५१९-१५३६] प्रतिमालेख सर्वदेवसूरि वि०सं० १५२९] प्रतिमालेख
घोघा स्थित नवखंडा पार्श्वनाथ जिनालय के निकट भूमिगृह से प्राप्त २४० धातु प्रतिमाओं में से ६ प्रतिमाओं पर पिप्पलगच्छीय मुनिजनों के नाम उत्कीर्ण हैं। १० इन प्रतिमाओं पर ई० सन् १३१५, १४४७, १४४९, १४५० और १४५७ के लेख खुदे हुए हैं। चूँकि ढांकी ने अपने उक्त निबन्ध में प्रतिमालेखों का मूल पाठ नहीं दिया है अत: इन लेखों में आये आचार्यों के नाम आदि के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती।
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