Book Title: Sramana 1997 01
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 100
________________ २३ ६ Jain Education International १५८. १५६३ माघ सुदि १५ देवप्रभसूरि १५९. १५६६ पौष वदि ५ सोमवार पद्माणंदसूरि के पट्टधर विनयसागरसूरि गुणप्रभसूरि १६०. १५६६ तिथिविहीन २५२३ For Private & Personal Use Only १६१. १५७३ फाल्गुन सुदि ८ विनयसागरसूरि सोमवार सुमतिनाथ की चिन्तामणि पार्श्वनाथ ___नाहटा, पूर्वोक्त - लेखाङ्क धातु की प्रतिमा जिना०, बीकानेर ११३ का लेख कुंथुनाथ की आदिनाथ जिना०, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त-भाग१, धातु की चौबीसी बिजापुर लेखाङ्क ४४४ प्रतिमा का लेख पार्श्वनाथ की पार्श्वनाथ जिना०, नाहटा, पूर्वोक्त - लेखाङ्क प्रतिमा का लेख सूरतगढ़, बीकानेर वासुपूज्य की पार्श्वनाथदेरासर, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त-भाग१, धातु की प्रतिमा देवसानोपाडो, लेखाङ्क १०५४ अहमदाबाद आदिनाथ की चिन्तामणिपार्श्वनाथ- वही, भाग१,लेखाङ्क ४३० । धातु की प्रतिमा देरासर, बिजापुर का लेख अजितनाथ की धर्मनाथ जिना०, विशालविजय, पूर्वोक्तधातु की प्रतिमा राधनपुर लेखाङ्क ३३७ का लेख का लेख १६२. १५७६ " वैशाख सुदि ६ सोमवार पिप्पलगच्छ का इतिहास १६३. १५७९ वैशाख सुदि ५ सोमवार www.jainelibrary.org धर्मवल्लभसूरि के पट्टधर धर्मविमलसूरि : ९७

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