Book Title: Sramana 1997 01
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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योगनिधान
जाप्यदेयं चणे कामल दोषं नासयति नात्र संदेहः । सरपुंखा पंचगा छाया सुक्कम्मि उण्ह जल कढ़िया । पहाणं तेण करतो कामल दोसो पणासेह ।। ६० ।। तक्क सहा अपमग्गा मूलं तंदुल जलि तिपनि मूलाई । पिय खंड सह धत्ती खद्धा कामल पहणेइक्किक्का । । ६१ । । च अभया छह अवेर धत्ती कडुवाई पिप्पिली मूढं । एक्केक्कभाय सहिया जमाइणि दाडिम केसेरओ पत्तो ।। ६२ ।। कलय रउ वय सउंचलु तिणिवि भायाइं गुलहं चालीसा । हरिसा कामल पंडु खद्धा गुलिया भयंदरो हणइ ।। ६३ । । इति योगनिधाने कामल नासनोऽध्यायः
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संदेहो ।। ६६ ।।
अहिंमंतिऊणतोयं इमिणा मंत्रेण सत्त वाराई । पाविज्जइ दूव जले तक्खणि सूलं णिवारेइ ।। ६४ । । मंत्रो जहा हिमवंत स्यो जरे पार्श्वे अस्वकमेमिहाक्रमः । तत्र सूल समुत्पण्णेतत्रैव विलयं गतः । । ६५ ।। अहि मंतिऊण तोयं अणया विज्जाइं सत्तवाराई । अवहरइ उदर सूलं तोए पीए ण बंझकंकोलीकंदो मसिणा पीसेवि सुरहि रसवाय भूय सूला णासंति हि अभयाइक्को भाओ तिड्डू भायाइं कुणहु अछाई । उन्हजलेणय पीयं गुदसूलं णिवारणं कुणइ । । ६८ ।। रामठ सठंचलु सूंठी पुक्खरमूलम्पि मेलि सम सव्वे । उपजलेणय पीयं सव्वे सूला णिवारेइ ।। ६९ ।। अभयामलयविडंग्गतइतइभाया णिसोय गुलदूदह ।
दुद्धेण । पाणभत्तेहिं ।। ६७।।
गुलिया मक्खिय माणं सूलो हरणं विरेय करणं च ।। ७० ।। तुंवर अभया पुक्खरु सउंचल सिंघउ विडोवि जवखारं । जवयणि रामठ गंयकण तक्खणि सूलं अठवटं हणइ ।। ७१ । । वस्तु२ १ तुंवर अभया रामठ पुक्खरु सिंधव सउंचलु किठ्ठसहियं । उन्होदय कयपाणं आववधं अरुइ सूल णासेइ ।। ७२ ।। घणपत्त एल धत्ता विवुह विडंग सव्व वसुभाया । सक्कर पुणु समभाया दिट्ठीसूलं
विणासेइ । । ७३ ।।
इति योगनिधाने सूल नासनोऽध्यायः
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