Book Title: Siriwal Chariu Author(s): Narsendev, Devendra Kumar Jain Publisher: Bharatiya GyanpithPage 63
________________ Jain Education International दिपाईनमोवीतरामायबासिद्धवकविहिरिडियागणहसमिडिया गणवप्पिागामिडमुणीसरा नाही याकमिणमालालवियङसंगलासिद्धमहासारसामियहो॥॥जयपाहिहि दरम्याइ जितनयनियनिमाहिवमाहेबाडेसाजयसत्तबझाइयमुबशाल जवाहणदागसहयरमणा गानामभयपादकम्मारिवाहानयामशाहरपलाहाजयजयसुधासमिरिरमाणेय जय वेदपहधमोहयामानावयतदामियारिवग्गाजयीयलसाहिवमारकमग्गाजयसयतबस रकमलहसंजयवासपूजयलइसीसा जयविमलाणापकरुणनिद्राणजयाजणवर्णतजाणि ययभागोजमधम्मतिबमोदएकतिजयमतिजिसरविहिपसंतिजियर्क नाहकदाजीव मित्रिजियनरमाणियाणिवाणथुनिजियमल्लिनिसरमल्लिमोद जयसुबयधुंयवियसिंदबि राजयनमित्यपनयमसियंगाजयणमितजियराष्ट्रामाइसंगाजययासनुवाकमसलनाण, For Private & Personal Use Only प्रखपुरविनमनतासवताना तिपालकानाउहरपधारानू। दानापास प्राताराताला मेरायरमश्रावकमदासाघुनामदेसुतेनेदरापालनामा कमेकानिमितलिका तन्याचा माकलादयता लिखितपंवारसंघातिलेर जलेररले नबेदनातरपवतिसका जानवानं मानाने नियोतयादा मारवदना सुखानित्यानमाधान बजानवता परमयकामास अननदशीपालन गाहकदापारामितावाईमानित www.jainelibrary.orgPage Navigation
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